National Anthem in Madrasa; भोपाल। मदरसों पर फिर मध्यप्रदेश में हाईवोल्टेज पॉलिटिक्स शुरू हो गई है। पहले मदरसों में हिंदू बच्चों को इस्लामिक तालीम देने के मामले में विवाद गरमाया तो अब मदरसों में राष्ट्रगान नहीं होने पर सियासी पारा गरम हो चला है। विपक्ष ये सवाल खड़े कर रहा है कि मंत्री विजय शाह के इस बयान का आधार क्या है? कुल मिलाकर सवाल ये है कि सूबे की सियासत में मदरसा राग आखिर क्यों गाया जा रहा है। ये जरूरी विमर्श का हिस्सा है या फिर महज सियासी जुगाली है?
मध्यप्रदेश में फिर मदरसे पर सियासत हो रही है। दरअसल आज स्कूल चलें हम अभियान की शुरुआत के दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मौजूदगी में कैबिनेट मंत्री विजय शाह ने मदरसों में राष्ट्रगान के मुद्दे पर बहस छेड़ दी है। बहस को इसलिए भी हवा मिल रही है क्योंकि विजय शाह खुद स्कूल शिक्षा मंत्री रह चुके हैं। लेकिन विजय शाह के दावे में कितनी सच्चाई है ये कांग्रेस नेताओं की तरफ से सुनना जरूरी है।
मदरसों में राष्ट्रगान होना या नहीं होना वाकई अब बड़ी बहस का मुद्दा बन चुका है। कांग्रेस खुलकर मंत्री विजय शाह के प्रस्ताव का स्वागत कर रही है। लेकिन ये भी कह रही है कि अगर बीजेपी सरकार मदरसों में राष्ट्रगान की वकालत कर रही है तो नागपुर के संघ मुख्यालय में भी तिरंगा फहराने की वकालत बीजेपी सरकारों को जरूर करनी चाहिए।
National Anthem in Madrasa: एमपी में मदरसों पर सियासत तेज़ हो चली है। पहले मदरसों में हिंदू बच्चों को इस्लामिक शिक्षा देने के दावे हुए और अब मदरसों में राष्ट्रगान का मुद्दा आपके सामने है। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या समय के साथ इस दिशा में कोई एक्शन होगा या फिर ये भी मंच से छोड़ा गया एक शिगूफा भर साबित होगा।
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