चुनावी सियासत में ‘भेड़िये’ की आमद: भेड़ियों के हमलों को मुद्दा बनाने की तैयारी में सपा, कांग्रेस

चुनावी सियासत में 'भेड़िये' की आमद: भेड़ियों के हमलों को मुद्दा बनाने की तैयारी में सपा, कांग्रेस

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  • Publish Date - September 8, 2024 / 02:59 PM IST,
    Updated On - September 8, 2024 / 02:59 PM IST

(अरुणव सिन्हा)

लखनऊ, आठ सितंबर (भाषा) समाजवादी पार्टी और कांग्रेस उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव की तैयारी में जुटी हैं और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) में शामिल ये दल उपचुनाव में राज्य सरकार पर उसकी ‘‘अलोकतांत्रिक’’ कार्यशैली, ‘‘ध्वस्त’’ होती कानून व्यवस्था और हाल ही में हुए भेड़ियों के हमलों को लेकर निशाना साध रहे हैं।

उपचुनावों का कार्यक्रम अभी घोषित नहीं हुआ है। वर्तमान विधायकों के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने और एक विधायक की अयोग्यता के कारण उपचुनाव होने हैं।

सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, ”सरकार भेड़ियों के हमलों को रोकने में विफल रही है। इसने पूरे राज्य के लोगों को असुरक्षित बना दिया है। उपचुनाव में हम इस मुद्दे को उठाने जा रहे हैं।”

वहीं कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय ने भी कहा कि सरकार भेड़ियों के हमलों को नियंत्रित करने में विफल रही है और इन जानवरों का ‘आतंक’ शहरों की ओर बढ़ रहा है।”

उन्होंने कहा, ‘‘ राज्य में खराब कानून व्यवस्था, फर्जी पुलिस मुठभेड़, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी जैसे ज्वलंत मुद्दे हैं। मगर भेड़ियों का आतंक भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।’’

दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि राज्य सरकार भेड़ियों के हमले की समस्या को हल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

बहराइच जिले की महसी तहसील के 50 गांवों में करीब 15 हजार की आबादी इन दिनों आदमखोर भेड़ियों के आतंक से जूझ रही है। इन जानवरों के हमलों में अब तक छह लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। दो और लोगों की भी मौत भेड़ियों के हमलों में होने की बात कही जा रही है लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

वन विभाग ने चिह्नित किये गये छह में से चार भेड़ियों को पकड़ा है। बाकी बचे दो भेड़िये पिछले 10 दिनों से वन विभाग की 165 लोगों की टीम की पकड़ से बाहर हैं।

भेड़ियों के नाम से शुरू हुआ यह आतंक अन्य जिलों तक भी पहुंच चुका है। हालांकि दूसरे जिलों में हुए ज्यादातर हमले सियार द्वारा किये गये बताये जाते हैं।

राजधानी लखनऊ के पड़ोस में स्थित सीतापुर जिले में भी संदिग्ध जानवरों के हमलों की खबरें हैं। पिछली दो सितंबर को एक गांव में तीन महिलाएं अज्ञात जानवरों के हमले में घायल हो गईं। स्थानीय लोगों ने दावा किया कि महिलाओं पर भेड़ियों ने हमला किया था मगर वन विभाग जानवरों के पैरों के निशान व अन्य प्रमाणों के आधार पर सियार द्वारा हमला किये जाने का शक जता रहा है।

उधर, शनिवार को पीलीभीत जिले के जहानाबाद क्षेत्र के दो गांवों में कथित सियार के हमले में दो बच्चे और पांच पुरुष घायल हो गए।

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी द्वारा भेड़ियों के हमलों को लेकर सरकार पर लगाये जा रहे आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आलोक वर्मा ने कहा, ”चाहे जंगल के भेड़िये हों या समाज के भेड़िये, खतरनाक जानवरों को खुलेआम घूमने की इजाजत नहीं दी जा सकती।’

वर्मा ने कहा, ”समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों ही समाज के भेड़ियों (अपराधियों) का समर्थन करती हैं। समाजवादी पार्टी सीधे उनका समर्थन करती है, जबकि कांग्रेस अप्रत्यक्ष रूप से उनका समर्थन करती है।”

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राय ने समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर उपचुनाव लड़ने की पुष्टि करते हुए कहा, ‘हम ‘इंडिया’ गठबंधन के हिस्से के रूप में उपचुनाव लड़ेंगे। हमने भाजपा और उसके सहयोगियों के पास मौजूद पांच सीटों की मांग की है। सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।”

समाजवादी पार्टी के राजेंद्र चौधरी ने कहा कि इस बात पर सहमति बनी है कि ”हम उपचुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे।” उन्होंने कहा, ”पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (अखिलेश यादव) इस मुद्दे (सीट शेयर) में उदारता दिखाएंगे। जहां भी उन्हें (कांग्रेस) लगेगा कि वे जीत सकते हैं, वे सीटें उन्हें दी जाएंगी।”

जिन सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें करहल, मिल्कीपुर, कटेहरी, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर, मीरापुर, फूलपुर, मझवां और सीसामऊ शामिल हैं।

प्रदेश विधानसभा के 403 सदस्यीय सदन में भाजपा के 251 विधायक हैं, जबकि विपक्षी समाजवादी पार्टी के 105 विधायक हैं। भाजपा के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी के क्रमश: 13 और पांच विधायक हैं। भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के दोनों सहयोगी दलों राष्ट्रीय लोकदल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के पास क्रमशः आठ और छह विधायक हैं। कांग्रेस और जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के पास दो-दो विधायक हैं, जबकि बहुजन समाज पार्टी का सदन में एक सदस्य है।

भाषा अरुणव सलीम शोभना

शोभना