मथुरा (उप्र), 12 मार्च (भाषा) वृंदावन में हर साल की तरह इस बार भी विधवा महिलाओं ने सामाजिक बंधनों को तोड़ते हुए बुधवार को ऐतिहासिक गोपीनाथ मंदिर में होली मनाई।
खुशी और सशक्तीकरण के जीवंत प्रदर्शन में सैकड़ों विधवाओं ने रंग उड़ाए, कृष्ण भजनों पर नृत्य किया और फूलों की पंखुड़ियों एवं गुलाल की बारिश के साथ होली का त्योहार मनाया।
सुलभ इंटरनेशनल के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम के बारे में संस्था की वरिष्ठ अधिकारी विनीता वर्मा ने बताया कि करीब एक दशक पहले तक इन महिलाओं के लिए इस तरह के उत्सवों से खुद को जोड़ पाने के बारे में सोचना भी प्रतिबंधित था।
वर्मा के अनुसार अछूत करार देते हुए विधवाओं को उनके परिवारों द्वारा त्याग दिया जाता था। उन्हें अशुभ माना जाता था। सामाजिक और धार्मिक उत्सवों में भाग लेने से रोक दिया जाता था।
वर्मा ने बताया, ‘‘लेकिन आज, मनचाहे रंग की साड़ी पहने वे सब करीब 500 बरस पुराने मंदिर में बड़ी संख्या में एकत्रित हुईं और मिलजुलकर होली का पर्व मनाया। खुद भी अपने हिस्से की खुशियां समेटीं और अन्य को भी समाज का एक अभिन्न अंग होने का एहसास दिलाते हुए उनमें भी खुशियां बांटीं। ’’
सुलभ की इस परियोजना की उपाध्यक्ष विनीता वर्मा ने बताया कि विधवा महिलाओं के लिए होली की परंपरा 2013 में शुरू हुई, जब जाने-माने समाज सुधारक और सुलभ इण्टरनेशनल के संस्थापक डॉक्टर बिंदेश्वर पाठक ने हाशिये पर पड़ी इन महिलाओं को सामाजिक जीवन में फिर से शामिल करने की पहल की।
भाषा सं सलीम
राजकुमार
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