लखनऊ। Who will become the Leader of Opposition in UP Assembly : सपा प्रमुख और उत्तरप्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव अब दिल्ली जा चुके हैं। लेकिन अब उनके सामने एक मुसीबत और है। अखिलेश यादव को निर्धारित करना है कि यूपी विधानसभा में अब नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी किसे देंगे क्योंकि अब अखिलेश यादव सांसद निर्वाचित होकर लोकसभा में प्रवेश कर चुके हैं। इस समय यूपी के सियासी हलकों में हैं। समाजवादी पार्टी किस नेता को नेता प्रतिपक्ष बनाएंगी? क्या नेता प्रतिपक्ष का चेहरा 2027 विधानसभा चुनाव को देखकर बनाया जाएगा? या नेता प्रतिपक्ष में भी परिवार का दवाब अखिलेश यादव के ऊपर हावी रहेगा?
बता दें कि 29 जुलाई 2024 से मानसून सत्र की शुरुआत होने जा रही हैं। खबरों के मुताबिक समाजवादी पार्टी में इस बात पर मंथन हो रहा है कि नेता विपक्ष की कुर्सी पर किसी दलित समाज के चेहरे को बैठाया जाए या फिर ओबीसी चेहरा आगे किया जाए। अगर चेहरा दलित समाज का होगा तो इंद्रजीत सरोज का नाम सबसे आगे है और अगर ओबीसी चेहरा बनाने की बात आएगी तो शिवपाल यादव के नाम पर मुहर लग सकती है।
लोकसभा चुनाव में कन्नौज से सांसद बनने के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद से ही ये चर्चा तेज हैं कि अब यूपी विधानसभा में उनकी जगह कौन इस पद को संभालेगा। सपा अध्यक्ष जैसे पिछले एक साल से पीडीए के नारे को बुलंद कर रहे हैं, जिसके आधार पर लोकसभा में टिकटों का बंटवारा किया गया क्या नेता प्रतिपक्ष के नाम पर भी उसी पीडीए की छाप दिखाई देगी या नहीं।
यूपी विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले जल्द ही सपा विधायक दल की बैठक बुलाई जानी है जिसमें सभी विधायकों से बातचीत के बाद इस पर आखिरी फैसला लिया जा सकता है। विधायकों से चर्चा के बाद ही नेता प्रतिपक्ष के नाम पर आखिरी मुहर लगाई जाएगी। हालांकि सपा अध्यक्ष किसी दलित को ही नेता विपक्ष बनाना चाहते हैं।
समाजवादी पार्टी में इंद्रजीत सरोज और शिवपाल यादव के अलावा रामअचल राजभर के नाम भी की चर्चा है। राम अचल राजभर ने ओबीसी समाज से ही आते हैं हालांकि फिलहाल उनका नाम इस रेस में पिछड़ता जा रहा है।