मिर्जापुर, 18 जनवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में एक मंदिर से मूर्तियां चोरी होने की पुलिस में शिकायत करने वाला व्यक्ति ही चोर निकला, जिसे उसके तीन अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि पड़री थाना क्षेत्र में स्थित राम-जानकी मंदिर से भगवान राम, लक्ष्मण और जानकी की प्राचीन मूर्तियां होने की शिकायत दर्ज कराई गयी थी।
अधिकारी के मुताबिक, पुलिस ने एक बोलेरो कार से मूर्तियां बरामद करने के बाद चार लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें से एक वही व्यक्ति है, जिसने मूर्तियां चोरी होने की शिकायत की थी।
पुलिस के अनुसार, 14 जनवरी को शिकायतकर्ता वंशीदास ने मंदिर से कीमती मूर्तियों के चोरी होने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू की थी।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार लोगों की पहचान वंशीदास (शिकायतकर्ता), लवकुश पाल, कुमार सोनी और राम बहादुर पाल के रूप में हुई है।
पुलिस के मुताबिक, पूछताछ के दौरान पता चला कि शिकायतकर्ता वंशीदास पिछले तीन वर्ष से मंदिर की देखरेख कर रहा था और वह अपने गुरु महाराज जयराम दास व सतुआ बाबा के बीच मंदिर के स्वामित्व को लेकर लंबे समय से जारी विवाद में उलझा हुआ था।
पुलिस ने बताया कि जब वंशीदास को पता चला कि जयराम दास मंदिर की संपत्ति अपने भतीजे को हस्तांतरित करना चाहते हैं तो उसने मूर्तियों को चुराकर बेचने की योजना बनाई।
पुलिस के मुताबिक, वंशीदास ने अपने वाहन चालक लवकुश पाल, मुकेश कुमार सोनी, रामबहादुर पाल सहित अन्य साथियों को मंदिर में दर्शन के बहाने लाकर मूर्तियां दिखाईं और उन्हें चोरी करने के बाद हाईमाई पहाड़ी मंदिर के पीछे छिपा दिया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी आज (शनिवार को) उन मूर्तियों को लेने के लिए आये थे तभी उन्हें पकड़़ लिया गया।
भाषा सं आनन्द जितेंद्र
जितेंद्र