Republic Day 2025: गणतंत्र दिवस पर दिखेगी ‘महाकुंभ’ की झलक.. स्वर्णिम भारत-विरासत और विकास को दर्शाएगी उत्तर प्रदेश की झांकी

Republic Day 2025: गणतंत्र दिवस पर दिखेगी 'महाकुंभ' की झलक.. स्वर्णिम भारत-विरासत और विकास को दर्शाएगी उत्तर प्रदेश की झांकी

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  • Publish Date - January 23, 2025 / 06:48 AM IST,
    Updated On - January 23, 2025 / 07:12 AM IST

Republic Day 2025 UP Jhanki: लखनऊ। इस वर्ष 2025 में गणतंत्र दिवस पर उत्तर प्रदेश की झांकी के रूप में कर्तव्य पथ पर ‘महाकुंभ 2025: स्वर्णिम भारत-विरासत और विकास’ थीम प्रदर्शित की जाएगी। राज्य सरकार द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, “महाकुंभ सबसे महत्वपूर्ण वैश्विक आयोजनों में से एक है। यह आध्यात्मिकता, विरासत, विकास और डिजिटल प्रगति के संगम का प्रतिनिधित्व करता है। यह थीम झांकी के डिजाइन का केंद्र बिंदु है।”

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बयान के मुताबिक, झांकी के ट्रेलर पैनल में भित्ति चित्र और एलईडी स्क्रीन प्रदर्शित की जाएंगी, जिसमें अमृत स्नान में भाग ले रहे अखाड़ों और श्रद्धालुओं को दिखाया जाएगा। इसमें कहा गया है कि झांकी के केंद्र में समुद्र मंथन की पौराणिक कथा को दर्शाया जाएगा जो महाकुंभ के ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व पर जोर देगा।

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बयान में कहा गया है कि झांकी के पिछले हिस्से में मंथन से निकले 14 दिव्य रत्नों का चित्रण होगा जिनमें हलाहल विष, कामधेनु गाय, उच्चै:श्रवा घोड़ा, ऐरावत हाथी, कौस्तुभ मणि, कल्पवृक्ष, रंभा अप्सरा, लक्ष्मी, वरुणी, चंद्रमा, पारिजात वृक्ष, शंख, धन्वन्तरि और अमृत शामिल हैं। इसमें महाकुंभ के आयोजन के लिए इस्तेमाल की जा रही उन्नत तकनीक, प्रबंधन और डिजिटलीकरण पर भी प्रकाश डाला जाएगा।

 

महाकुंभ 2025 का आयोजन कहां हो रहा है?

महाकुंभ 2025 का आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होगा।

इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर उत्तर प्रदेश की झांकी की थीम क्या है?

उत्तर प्रदेश की झांकी की थीम "महाकुंभ 2025: स्वर्णिम भारत-विरासत और विकास" है।

महाकुंभ का महत्व क्या है?

महाकुंभ विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जो भारतीय संस्कृति, विरासत और आध्यात्मिकता का प्रतीक है।

इस झांकी में क्या विशेषताएं होंगी?

झांकी में आध्यात्मिकता, विरासत, विकास और डिजिटल प्रगति को दर्शाया जाएगा, जो महाकुंभ 2025 के महत्व को प्रदर्शित करेगा।

महाकुंभ कितने वर्षों के अंतराल पर आयोजित किया जाता है?

महाकुंभ हर 12 वर्षों के अंतराल पर आयोजित किया जाता है।