मथुरा, पांच दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के राज्य पुरातत्व विभाग ने विदेशों से बहुमूल्य कलाकृतियों को भारत वापस लाने पर लगने वाले सीमा शुल्क को खत्म करने या इसे घटना की मांग की।
विभाग ने मथुरा में आयोजित भारतीय मुद्रा परिषद के तीन दिवसीय 106वें राष्ट्रीय अधिवेशन में यह मांग की।
भारतीय मुद्रा परिषद की कार्यकारी परिषद के सदस्य एवं मुंबई कॉयन सोसायटी के अध्यक्ष फारुख एस टोडीवाला ने संवाददाताओं से कहा, “यह बेहद अजीब बात है कि केवल भारत में ही अपने देश की धरोहर को दुनिया के अन्य देशों से वापस लाने पर 33 प्रतिशत सीमा शुल्क लगता है। जबकि इंग्लैंड और अमेरिका में सरकारें ऐसा करने वालों को सम्मानित और प्रोत्साहित करती हैं।”
उन्होंने कहा, “अगर यही काम हमारी सरकार अपने स्तर पर करें तो देश के लिए सम्मान की बात होगी। अफसोस है कि हमें भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को वापस लाने पर न केवल मूल्य का एक-तिहाई कर चुकाना पड़ता है बल्कि उस वस्तु का मूल्य निर्धारण करने के मामले में भी केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों की प्रताड़ना का भी शिकार होना पड़ता है।”
टोडीवाला ने कहा कि इस मामले में कई बार सरकार से कोई रास्ता निकालने की मांग की गई लेकिन कोई उपयुक्त तरीका अब तक नहीं निकाला जा सका है।
भारतीय मुद्रा परिषद के संयुक्त सचिव एवं बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के सह-आचार्य डॉ. अमित कुमार उपाध्याय ने मुद्रा संग्राहकों की आपत्ति का समर्थन करते हुए कहा, “यह सही है कि इस प्रकार की समस्याएं आ रही हैं। मुद्रा संग्राहक कई बार इस प्रकार की समस्याओं का सामना करते रहे हैं लेकिन सरकार की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली।”
भाषा सं राजेंद्र जितेंद्र
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