उत्तर प्रदेश: खुले में सोने को नहीं होना होगा मजबूर, सरकार ने किये व्यापक इंतजाम

उत्तर प्रदेश: खुले में सोने को नहीं होना होगा मजबूर, सरकार ने किये व्यापक इंतजाम

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  • Publish Date - January 4, 2025 / 04:06 PM IST,
    Updated On - January 4, 2025 / 04:06 PM IST

लखनऊ, चार जनवरी (भाषा)। उत्तर प्रदेश में कड़ाके की सर्दी में किसी को खुले में न सोना पड़े इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पूरे प्रदेश में रैन बसेरों और आश्रय स्थलों की सुविधाओं को लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है। एक बयान में यह जानकारी दी गयी।

बयान के मुताबिक, इन व्यवस्थाओं का उद्देश्य ठंड के प्रकोप से हर जरूरतमंद व्यक्ति को बचाना और उनको सुरक्षित व गरिमामय आश्रय प्रदान करना है।

बयान में बताया गया कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि रैन बसेरों का संचालन पूरी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ किया जाए।

उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि कोई भी व्यक्ति खुले आसमान, डिवाइडर, सड़क की पटरी या पार्कों में सोने को मजबूर न हो।

बयान के मुताबिक, प्रदेश में अब तक 1240 रैन बसेरों और आश्रय स्थलों को विकसित किया गया है, जहां ठंड से बचने के लिए सभी आवश्यक संसाधन मौजूद हैं।

बयान में बताया गया कि इसके साथ ही, तीन लाख से अधिक कंबल वितरित किए जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने यह भी निर्देश दिया है कि जरूरतमंदों तक कंबल पहुंचने में कोई कोताही न बरती जाए।

रैन बसेरों में महिलाओं की सुरक्षा और उनकी जरूरतों का विशेष ध्यान रखा गया है।

बयान के मुताबिक, आश्रय स्थलों में पर्याप्त रोशनी, स्वच्छता और अलाव की व्यवस्था की गई है साथ ही यह सुनिश्चित किया गया है कि महिलाएं रैन बसेरों में सुरक्षित महसूस करें और उनकी सभी आवश्यकताओं का ख्याल रखा जाए।

बयान में अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि रैन बसेरों की स्थिति और अलाव की व्यवस्था की तकनीकी मॉनिटरिंग की जाए।

राहत आयुक्त कार्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम से रैन बसेरों, अलाव और कंबल वितरण की स्थिति पर सीधे संवाद किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के सभी जिलों को ठंड से निपटने के लिए पर्याप्त बजट का आवंटन किया गया है।

जिलाधिकारियों और नगर आयुक्तों को रैन बसेरों और अलाव की व्यवस्था का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं।

बयान के मुताबिक, जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे रैन बसेरों पर जाकर जरूरतमंदों से बातचीत करें और उनके अनुभवों के आधार पर सुधारात्मक कदम उठाएं।

भाषा जफर नेत्रपाल जितेंद्र

जितेंद्र