उन्नाव, 10 अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में 25 वर्षीय एक युवक ने बिजली का बिल कथित तौर पर बढ़ा हुआ आने के कारण तानव में आकर आत्महत्या की। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि शुभम (25) नाम के युवक ने बुधवार तड़के कुशालपुर गांव में अपने घर के एक कमरे में लगे हुक में फंदे से लटक कर आत्महत्या की।
परिवार के सदस्यों ने सुबह उसका शव देखने के बाद पुलिस को सूचना दी।
मृतक के पिता महादेव ने आरोप लगाया, “हमें 1,09,021 रुपये का बिजली बिल मिला था, जिसमें से शुभम ने विभिन्न कार्यालयों में जाकर 16,377 रुपये का भुगतान कर दिया। 15 दिन भी नहीं बीते थे कि फिर से 8000 रुपये का बिल आ गया, जिसके बाद तनाव में आकर उसने फांसी लगा ली।”
उन्होंने बताया कि शुभम दिहाड़ी मजदूर था।
पिता ने कहा, “आत्महत्या का कोई और कारण नहीं है। वह (शुभम) बहुत परेशान था तो यह बिल कैसे भरता। वह बिजली बिल की बकाया रकम से बहुत तनाव में था।”
मुख्य अभियंता विद्युत (रायबरेली जोन) आरपी प्रसाद ने घटना के बारे में पूछे जाने पर बताया कि शुभम ने 10 मार्च 2022 को नया बिजली कनेक्शन लिया था और उसके बाद उसने सिर्फ दो बार बिजली बिल भरा था।
उन्होंने बताया कि एक बार शुभम ने 615 रुपये और फिर इस वर्ष सितंबर में 16,377 रुपये का भुगतान किया था।
अधिकारी ने बताया, “कुछ दिन पहले 1500 यूनिट का बिल आया था जबकि खपत सिर्फ 35 यूनिट दिखाई गई थी। इस संदर्भ में मीटर रीडर ने शुभम को बिजली विभाग के दफ्तर जाकर बिल सही कराने को कहा था।”
अधिकारी ने दावा किया कि नौ अक्टूबर को बिल सही कर दिया गया था लेकिन तब तक शुभम ने आत्महत्या कर ली थी।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने इस मामले पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की घोषणा की।
शर्मा ने बृहस्पतिवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, “उन्नाव जिले के कुशलपुर गांव के एक युवक शुभम द्वारा आत्महत्या किये जाने से दुखी हूं। ईश्वर से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति और परिजनों को दुख सहन करने की शक्ति दें।”
उन्होंने कहा कि घटना की जानकारी मिलने के बाद से ही बिजली विभाग के उच्च अधिकारियों एवं जिलाधिकारी सहित स्थानिक अधिकारियों के संपर्क में हूं।
शर्मा ने कहा कि पुलिस एवं प्रशासन मृत्यु के कारणों की विस्तृत जांच कर रहा है लेकिन बिजली विभाग के स्थानिक अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश दे दिया गया है।
भाषा सं जफर जितेंद्र
जितेंद्र