उत्तर प्रदेश में स्वर्ण पदक जीतने वालों में लड़कियां अधिक : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

उत्तर प्रदेश में स्वर्ण पदक जीतने वालों में लड़कियां अधिक : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

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  • Publish Date - September 24, 2024 / 04:16 PM IST,
    Updated On - September 24, 2024 / 04:16 PM IST

बलिया, 24 सितम्बर (भाषा) उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को कहा कि स्वर्ण पदक पाने वालों में लडकियां अधिक हैं और वे शिक्षा के क्षेत्र में काम करना चाहती हैं।

राज्यपाल पटेल ने यहां जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के छठे दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा, “स्वर्ण पदक पाने वालों में लड़कियां अधिक हैं। सोच लीजिए कैसे धीरे-धीरे लड़कियां आगे बढ़ रहीं हैं।”

उन्होंने कहा, “मैंने लड़कियों से पूछा कि लड़कियां क्या करेंगी तो लड़कियों ने जबाव दिया कि हम शिक्षा में ये-ये करेंगे।”

राज्यपाल ने कहा, “फिर मैंने पूछा कि लड़के क्या करेंगे तो कोई जवाब नहीं आया, तब मैंने कहा कि वह राजनीति करेंगे।”

उन्होंने कहा, “कौशल विकास से युवाओं को जोड़ने में विश्वविद्यालयों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।”

पटेल ने युवाओं को रोजगार से जोड़ने को लेकर मोदी सरकार की योजनाओं का उल्लेख करते हुए सवाल उठाया, “सरकारी नौकरी उन्हें ही मिल पाएगी, जो प्रतियोगिता में उत्तीर्ण होंगे। प्रतियोगिता में अनुत्तीर्ण होने वाले कहां जायेंगे।” पटेल ने कौशल विकास से युवाओं को जोड़ने पर विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि केंद्र सरकार की योजनाएं बेरोजगार युवाओं के लिए वरदान साबित हो सकती हैं।

राज्यपाल ने कहा, “उनके (युवाओं के) आगे बढ़ने में कौशल विकास सशक्त माध्यम साबित हो सकता है।”

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर विद्यार्थी के लिए पैसे का प्रावधान किया है। कौशल विकास पर फोकस नहीं होगा तो विद्यार्थियों को लाभ कैसे होगा।”

पटेल ने कहा, “देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों को बाध्य किया गया है कि विद्यार्थियों को इंटर्नशिप कराएंगे। इससे विद्यार्थियों को रोजगार मिलेगा।”

उन्होंने कहा, “एक करोड़ से अधिक बच्चों के लिए बिना ब्याज धनराशि देने का प्रावधान केन्द्र सरकार ने किया है। यह इसलिए किया गया है ताकि रोजगार बढ़े।”

उन्होंने कहा, “अगर हम विद्यार्थियों को कौशल नहीं देंगे तो विकास भी नहीं होगा।”

राज्यपाल पटेल ने इस मौके पर 43 मेधावियों को स्वर्ण पदक दिया। इसके साथ ही 23,344 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गयी।

भाषा सं आनन्द जितेंद्र

जितेंद्र