सरकार ने छत्रपति साहूजी महाराज विवि के कुलपति की अर्जी का अदालत में किया विरोध..

सरकार ने छत्रपति साहूजी महाराज विवि के कुलपति की अर्जी का अदालत में किया विरोध : Uttar Pradesh government opposes plea of Chhatrapati Sahuji Maharaj University VC in court

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  • Publish Date - November 3, 2022 / 05:27 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:21 PM IST

लखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में बुधवार को राज्य सरकार ने छत्रपति साहूजी महाराज विश्वविद्यालय (कानपुर विश्वविद्यालय) के कुलपति प्रो. विनय पाठक की अर्जी का विरोध किया जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ भ्रष्टाचार और वसूली के आरोप में दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी है। अदालत ने सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद अपना आदेश बृहस्पतिवार तक के लिए सुरक्षित कर लिया। न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान व न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह की पीठ ने पाठक की ओर से दाखिल रिट अर्जी पर सुनवाई की। अर्जी में पाठक ने उनके खिलाफ इंदिरा नगर में दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी है। उन्होंने तर्क दिया कि भ्रष्टाचार के मामले में अभियोजन की मंजूरी के बिना उनकी गिरफ्तारी नहीं की जा सकती।

 

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वहीं, राज्य सरकार और शिकायतकर्ता की ओर से कहा गया कि चूंकी प्राथमिकी में प्रथमदृष्टया गंभीर आरोप लगाए गए हैं, इसलिए इसे रद्द नहीं किया जा सकता और पाठक को गिरफ्तारी से राहत नहीं दी जा सकती। पाठक ने मंगलवार को उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को चुनौती देने के लिए अदालत का रुख किया था। उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने मंगलवार को पाठक और एक्सएलआईसीटी कंपनी के मालिक अजय मिश्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार और वसूली के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की थी। गौरतलब है कि पाठक व मिश्रा के खिलाफ सबसे पहले 29 अक्टूबर को इंदिरा नगर थाने में डेविड मारियो डेनिस ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि पाठक के आगरा विश्वविद्यालय के कुलपति रहने के दौरान उसके कम्पनी द्वारा की गए कार्यों के भुगतान के लिए आरोपियों ने 15 प्रतिशत कमीशन वसूला।

 

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प्राथमिकी में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उससे कुल एक करोड़ 41 लाख रुपये की वसूली अभियुक्तों द्वारा जबरन की जा चुकी है। शिकायतकर्ता ने आरोपियों से जान का खतरा होने की भी आशंका जताई थी। पाठक इस साल जनवरी से सितंबर तक आगरा विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति थे। एसटीएफ ने रविवार को आरोपी अजय मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया था। मिश्रा भी विश्वविद्यालय में परीक्षा से जुड़े कार्यों का संचालन करता है। उस पर कुलपति से मिलीभगत करने का आरोप है।