उत्तर प्रदेश : पुलिस हिरासत में मृत युवक के परिजनों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की

उत्तर प्रदेश : पुलिस हिरासत में मृत युवक के परिजनों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की

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  • Publish Date - October 28, 2024 / 07:24 PM IST,
    Updated On - October 28, 2024 / 07:24 PM IST

लखनऊ, 28 अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चिनहट थाने में हिरासत में व्यापारी मोहित पांडेय की मौत के बाद उसके परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की।

मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा, आवास, बच्चों की निःशुल्क शिक्षा और सरकार की योजनाओं का लाभ देने का निर्देश दिया।

इस बीच, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मामले में बिना किसी का नाम लिए इशारों में सरकार पर तंज करते हुए कहा, “काश जान लेनेवाले मुआवज़े में जीवन भी दे सकते।”उन्होंने कहा कि सपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी मोहित के परिजन से मुलाकात कर उन्हें एक लाख रुपये की सहायता दी।

जैनाबाद निवासी मोहित कुमार पांडेय (30) को पुलिस ने शनिवार को एक मामले में हिरासत में लिया था। उसी दिन हिरासत में उसकी तबीयत खराब हो गयी और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मोहित के परिजनों ने पुलिस पर पीट-पीटकर उसकी हत्या करने का आरोप लगाया है।

सोमवार को यहां जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि पुलिस हिरासत में कारोबारी मोहित पांडेय की मौत के बाद सोमवार को उनके परिजनों ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से मुलाकात की और अपना दर्द बयां किया। इस मुलाकात के दौरान बख्शी का तालाब क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक योगेश कुमार शुक्ल और पार्षद शैलेंद्र वर्मा भी मौजूद रहे।

बयान के अनुसार, ‘‘मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को दस लाख रुपये मुआवजा, आवास, बच्चों की निःशुल्क शिक्षा तथा सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।’’

आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर सोमवार सुबह मोहित पांडेय की मां तपेश्वरी देवी, पत्नी और बच्चे पहुंचे जहां उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी पीड़ा बयां की।

बयान के अनुसार मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद कारोबारी के परिजन संतुष्ट दिखे। मोहित की मां तपेश्वरी देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री से मिलकर वह संतुष्ट हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में है। इस मामले में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं होगी। जांच के उपरांत जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी।’’

इस बीच, समाजवादी पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा और लखनऊ उत्तरी क्षेत्र से पार्टी की प्रत्याशी रह चुकी पूजा शुक्ला ने भी पुलिस प्रताड़ना के शिकार मोहित पांडेय के परिवार से मुलाकात कर उन्हें पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से एक लाख रुपये का चेक सौंपा।

सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि पार्टी के दोनों नेताओं ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की और इस मुश्किल वक्त में उसके साथ खड़े रहने का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी भाजपा सरकार और पुलिस के अन्याय, अत्याचार के खिलाफ संघर्ष में सदैव आगे रही है और मोहित के परिवार को भी न्याय दिलाने तक लड़ाई जारी रहेगी।

सपा प्रमुख यादव ने मामले में बिना किसी का नाम लिए इशारों में सरकार पर तंज करते हुए सोमवार को ‘एक्स’ पर अपनी एक पोस्ट में कहा, ”काश जान लेनेवाले मुआवज़े में जीवन भी दे सकते।”

यादव ने इसी पोस्ट में कहा कि दिवाली पर जिन्होंने किसी के घर का चिराग़ बुझाया है, उम्मीद है वो झूठ के दीये नहीं जलाएंगे, झूठी रोशनी से अपने शासनकाल का घोर काला अंधकार मिटाने की कोशिश नहीं करेंगे।

सपा प्रमुख ने सवाल उठाते हुए कहा कि जनता पूछ रही है, जिसकी हिरासत में मौत हुई है उस पर बुलडोजर चलेगा?निंदनीय।

इस घटना के बाद से ही भाजपा सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है और प्रमुख नेताओं ने सरकार की तीखी आलोचना की।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी—माक्र्सवादी लेनिनवादी (भाकपा—माले) ने चिनहट थाने में युवा कारोबारी मोहित पांडेय की हिरासत में हुई मौत की न्यायिक जांच और थाना प्रभारी की अविलंब गिरफ्तारी की मांग की है।

भाकपा—माले के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने सोमवार को जारी बयान में कहा, ”प्रदेश में निरंकुश पुलिस का राज चल रहा है। वह एक के बाद एक हत्या कर रही है। दो हफ्ते पहले ही विकास नगर (लखनऊ) में दलित युवक अमन गौतम की हिरासत में बर्बर पिटाई से मौत का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि पुलिस ने मोहित पांडेय की जान ले ली।”

उन्होंने कहा, ”यदि सरकार की ओर से खुली छूट न होती और पूर्व में हिरासत में हुई हत्याओं के दोषी पुलिस अधिकारियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा मिलती तो ऐसी घटनाओं पर अवश्य ही अंकुश लगता।”

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी रविवार को इस घटना को लेकर पुलिस पर तंज करते हुए कहा कि भाजपा के जंगलराज में पुलिस क्रूरता का पर्याय बन चुकी है।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने भी इस घटना की निंदा की थी।

इससे पहले, 11 अक्टूबर को लखनऊ में एक जुआ अड्डे पर छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किए गए 24 वर्षीय अमन गौतम की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। गौतम के परिजनों ने पुलिस पर उसे पीट-पीटकर मार डालने का आरोप लगाया था।

अधिकारियों के अनुसार जुआ खेले जाने की सूचना मिलने पर 11 अक्टूबर की रात को पुलिसकर्मियों की एक टीम ने विकास नगर के सेक्टर-आठ में आंबेडकर पार्क पर छापा मारा था। पुलिस ने अमन गौतम समेत दो लोगों को हिरासत में लिया था।

भाषा आनन्द सलीम नोमान

नोमान