गोरखपुर, (उप्र), तीन दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को यहां अधिकारियों को पशुओं के चारागाह के लिए पर्याप्त भूमि आरक्षित करने और गौ सरोवर बनाने की भी व्यवस्था करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने अपराह्न यहां ताल नदोर में बन रहे पूर्वी उत्तर प्रदेश के पहले पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय का निरीक्षण करने के दौरान अधिकारियों को यह निर्देश दिया।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि यहां ताल नदोर में बन रहे पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय और यहां प्रस्तावित ‘इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम’ तथा कान्हा गोशाला को एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विकसित किया जाए। उनका कहना था कि सरकार की मंशा इस क्षेत्र को विकास का एक नया मॉडल बनाने की है।
मुख्यमंत्री ने पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय की डिजाइन, लेआउट, मॉडल का अवलोकन कर इसके प्रमुख आयामों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि ताल नदोर में 80 से 100 एकड़ में प्रस्तावित इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम और 52 एकड़ में नगर निगम की तरफ से बनाए जाने वाले कान्हा गोशाला को भी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एक दायरे में लाया जाए।
बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री को लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम के लिए 106 एकड़ क्षेत्रफल में प्रारंभिक सर्वे का काम किया जा चुका है। इसके अलावा 52 एकड़ में कान्हा गोशाला का निर्माण कराया जाएगा।
बयान के मुताबिक पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के निर्माण की प्रगति के बारे में पूछे जाने पर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रथम चरण का निर्माण मार्च 2026 में पूरा करा लिया जाएगा।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पशुओं के चारागाह के लिए पर्याप्त जमीन आरक्षित की जाए और गौ सरोवर बनाने के लिए भी व्यवस्था की जाए। इसके लिए संरचना में आवश्यक परिवर्तन भी किए जाएं।
योगी ने महाविद्यालय के समीप ही चार एकड़ में बन रहे वृहद गोशाला को भी देखा और निर्देश दिया कि यहां गर्मियों में पशुओं को रखने के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए जाएं। निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं से कुशलक्षेम पूछा।
गोरखपुर के ताल नदोर में पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसी वर्ष तीन मार्च को किया था। अस्सी एकड़ में क्रमवार तीन चरणों मे बन रहे इस महाविद्यालय के निर्माण पर 350 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी। पहले चरण के निर्माण पर 277 करोड़ 31 लाख रुपये खर्च होंगे।
इस पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के बन जाने के बाद यहां देशभर के पशु चिकित्सकों को प्रशिक्षण मिलेगा। श्रावस्ती के राजा शालिहोत्र की परिकल्पना पर इस महाविद्यालय डिजाइन की गई है। राजा शालिहोत्र ने तीसरी सदी में शालिहोत्र संहिता रचकर पशुधन के क्षेत्र को समृद्ध किया। भारतीय परंपरा में उन्हें पशु चिकित्सा विज्ञान का जनक माना जाता है।
भाषा आनन्द
राजकुमार
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