लखनऊ, 13 दिसंबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने लखनऊ स्थित बाबा साहब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) को अपने एक अधिकारी के खिलाफ पारित जांच आदेश को वापस लेने और कथित अनियमितताओं की जांच के लिए कानून के अनुसार नया आदेश पारित करने की अनुमति दी।
पीठ ने स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. अश्विनी कुमार सिंह को सक्षम प्राधिकारी द्वारा नये आदेश पारित किए जाने तक एकल पीठ के आदेश के अनुपालन में काम करने की अनुमति दी जाएगी।
न्यायमूर्ति ए.आर. मसूदी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने बीबीएयू द्वारा दायर विशेष अपील पर यह आदेश पारित किया।
बीबीएयू ने इस वर्ष 28 नवंबर को पारित एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती दी थी।
एकल पीठ ने रजिस्ट्रार के खिलाफ निलंबन और जांच पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था।
आदेश के मुताबिक, कार्यवाहक कुलपति को रजिस्ट्रार के खिलाफ जांच आदेश पारित करने का कोई अधिकार नहीं है।
खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि एकल न्यायाधीश की पीठ का यह निष्कर्ष सही था कि जांच आदेश बिना अधिकार क्षेत्र के पारित किया गया था लेकिन साथ ही पीठ ने बीबीएयू के वकील अमरेन्द्र नाथ त्रिपाठी की इस दलील को भी सही ठहराया कि विश्वविद्यालय को कानून के अनुसार नया आदेश पारित करने से नहीं रोका जा सकता।
भाषा सं सलीम जितेंद्र
जितेंद्र