उत्तर प्रदेश: हमलावर मादा तेंदुए को वन विभाग ने पिंजरे में कैद किया

उत्तर प्रदेश: हमलावर मादा तेंदुए को वन विभाग ने पिंजरे में कैद किया

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  • Publish Date - October 3, 2024 / 02:19 PM IST,
    Updated On - October 3, 2024 / 02:19 PM IST

बहराइच, तीन अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य के सुजौली रेंज स्थित जंगल से सटे अयोध्यापुरवा गांव में हमलावर मादा तेंदुए को वन विभाग ने पिंजरे में कैद कर लिया। एक अधिकारी ने बृस्पतिवार को यह जानकारी दी।

दुधवा बाघ अभयारण के क्षेत्रीय निदेशक ललित वर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘बुधवार शाम लगाए गए पिंजरे में रात करीब आठ बजे हमलावर मादा तेंदुए को कैद कर लिया गयाई जिसकी उम्र करीब चार वर्ष है। सुजौली रेंज कार्यालय पर लाकर उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और वह स्वस्थ है।’’

उन्होंने बताया कि थोड़ी ही देर बाद उसे कतर्निया के ट्रांस गेरूआ जंगलों में छोड़ दिया जाएगा।

वर्मा ने बताया कि इसके पहले 29 सितंबर की रात पकड़े गए नर तेंदुए को भी गेरूआ नदी के दूसरी ओर स्थित जंगल में छोड़ा गया था। उन्होंने बताया कि इसका फायदा यह है कि नदी उनके लिए अवरोध का काम करती है जिससे रिहायशी इलाकों में तेंदुओं के लौटने की आशंकाएं कम हो जाती हैं।

क्षेत्रीय निदेशक ने कहा, ‘‘पकड़े गये दोनों तेंदुए आदमखोर नहीं हैं। बरसात के मौसम में वन्यजीवों के प्राकृतिक वास स्थलों में पानी भर जाने से ये जानवर गांवों की तरफ आ जाते हैं, जहां अचानक किसी इंसान के सामने आ जाने अथवा अन्य किसी संदेह में दुर्घटनावश मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं होती हैं।’’

उन्होंने कहा कि अब मौसम खुलने लगा है और पूरी संभावना है कि तमाम वन्यजीव जंगल के भीतर अपने प्राकृतिक वास की ओर रवाना हो रहे होंगे।

वर्मा ने कहा, ‘‘कतर्नियाघाट जंगल से सटे रिहायशी क्षेत्रों में दो तेंदुए घूमने रहे थे और दोनों को ही पकड़ लिया गया है। अब हमलों की आशंका काफी कम है लेकिन जंगल से सटे गांववालों को हर दिन सतर्क रहने की जरूरत है और गन्ने की फसल कटने तक गांववालों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए। वनकर्मियों को भी गश्त में कोताही न बरतने के निर्देश दिए गए हैं।’’

उन्होंने कहा कि जंगल से सटे सभी गांववालों को लगातार जागरूक किया जा रहा है कि वे घर के बाहर न सोएं, घर से बाहर अकेले न जाकर समूह में निकलें।

पिछली 26 सितंबर को धर्मापुर वन क्षेत्र में मधुसूदन (35) और सुजौली रेंज के अयोध्या पुरवा गांव में साहिबा (13) पर तेंदुए ने हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया था। उसके बाद 29 सितंबर की दोपहर कतर्नियाघाट अभयारण के ही ककरहा स्थित एक गांव में कंधई (40) नामक व्यक्ति पर तेंदुए ने हमला कर उसे मार डाला था।

हालांकि, वन विभाग के अधिकारियों ने कहा था कि वह तेंदुआ आदमखोर नहीं है और हादसा दुर्घटनावश हुआ होगा। बाद में धर्मपुर गांव के नजदीक पिंजरा लगाकर तेंदुए को पकड़ लिया गया।

बहराइच वन प्रभाग के महसी तहसील के अंतर्गत आने वाले 50 से अधिक गांवों में भेड़ियों की दहशत अभी भी कायम है। इस क्षेत्र में 17 जुलाई से पिछले माह तक वन्यजीवों के हमलों में सात बच्चों सहित आठ लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 36 लोग हो गए।

छह भेड़ियों के झुंड में से पांच को पकड़ा गया है। वन विभाग का दावा है कि अब सिर्फ एक भेड़िया बचा है।

भाषा सं. सलीम खारी

खारी