लखनऊ, चार नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायक राजेश्वर सिंह ने एक कानून बनाने का प्रस्ताव रखा है जो स्कूली छात्रों के लिए कानूनी शिक्षा को अनिवार्य बनाता है।
विधायक ने कहा कि इस कानून से स्कूली छात्रों को अपने अधिकारों का दावा करने और देश में लगातार बढ़ रहे किशोर अपराधों पर अंकुश लगाने में मदद मिल सकेगी।
विधायक राजेश्वर सिंह ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लिखे एक पत्र में इस संदर्भ में नीतिगत उपाय की वकालत की क्योंकि वर्तमान में, भारत में विभिन्न शिक्षा बोर्ड और स्कूलों में अनिवार्य कानूनी शिक्षा का कोई प्रावधान नहीं है।
प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व अधिकारी सिंह ने पत्र में कहा, ‘‘राजनीतिक सिद्धांत की मूल बातों और भारत में न्याय प्रणाली की व्यापक संरचना और कार्यप्रणाली को अधिकांश स्कूलों में केवल राजनीति विज्ञान या नागरिक शास्त्र पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है, जबकि कुछ ही स्कूल उच्चतर माध्यमिक स्तर पर वैकल्पिक विषय के रूप में ‘कानूनी अध्ययन’ की पेशकश करते हैं।’’
उन्होंने कहा कि देश में किशोरों, विशेषकर 16-18 वर्ष की आयु वर्ग के किशोरों द्वारा किए जा रहे अपराधों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में किशोर अपराधों में 4.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई और 2020 में 29,768 मामलों की तुलना में देश भर में ऐसे 31,170 मामले दर्ज किए गए।
उन्होंने रेखांकित किया कि कानूनी जागरूकता का लोगों की न्याय प्रणाली तक प्रभावी ढंग से पहुंचने और उन्हें प्रदान किए गए अधिकारों का दावा करने की क्षमता पर ‘‘महत्वपूर्ण प्रभाव’’ पड़ता है।
विधायक ने इस बात पर जोर दिया कि स्कूल स्तर पर कानूनी शिक्षा प्रदान करने से किशोरों द्वारा आपराधिक कृत्यों में कमी आ सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘किशोर अपराध की उच्च दर के पीछे प्राथमिक कारणों में से एक युवाओं के बीच कानूनी साक्षरता की कमी है।’’
भाषा शफीक सुरेश
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