उप्र: आशा कार्यकर्ता ने बेटी पैदा होने के डर से बहू को गर्भपात के लिए मजबूर किया |

उप्र: आशा कार्यकर्ता ने बेटी पैदा होने के डर से बहू को गर्भपात के लिए मजबूर किया

उप्र: आशा कार्यकर्ता ने बेटी पैदा होने के डर से बहू को गर्भपात के लिए मजबूर किया

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Modified Date: December 18, 2024 / 03:40 PM IST
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Published Date: December 18, 2024 3:40 pm IST

भदोही (उप्र), 18 दिसंबर (भाषा) भदोही जिले में पुलिस ने, लड़की पैदा होने के डर से अपनी बहू को गर्भपात के लिए मजबूर करने के आरोप में एक आशा कार्यकत्री और पांच अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जिले के सुरयावा थाना क्षेत्र के मतेथू हरीपट्टी निवासी आशा कार्यकत्री गीता देवी, उसके बेटे समेत कुल छह लोगों के खिलाफ अदालत के आदेश पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

सुरयावा थाने के प्रभारी निरीक्षक अरविन्द कुमार गुप्ता ने बताया कि बहू को पहले से ही दो बेटियां है और इसके लिए ससुराल वाले उसे ताना मारते थे। उन्होंने बताया कि जब महिला तीसरी बार गर्भवती हुई तो उसकी सास गीता देवी ने तीसरी बेटी होने के डर से अपने बेटे के साथ मिलकर जबरन उसे दवा खिला दी जिससे महिला का गर्भपात हो गया।

गुप्ता ने बताया कि मायके से एक लाख रुपये नहीं लाने पर ससुराल वालों ने महिला को उसकी दो बेटियों के साथ 21 मार्च 2024 को घर से निकाल दिया था। इस मामले में महिला ने दीवानी न्यायाधीश (महिला उत्पीड़न) की अदालत में एक याचिका 13 अप्रैल को दाखिल की जिस पर अदालत ने 17 दिसंबर को पति, सास-ससुर समेत छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।

उन्होंने बताया कि मुकदमा दायर कर आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है

भाषा सं राजेंद्र खारी मनीषा

मनीषा

 

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