(तस्वीर के साथ)
मेरठ (उत्तर प्रदेश), 10 जनवरी (भाषा) शहर की घनी आबादी वाली बस्ती सुहेल गार्डन में परिवार के पांच सदस्यों की हत्या के मामले में तीन नामजद और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस इनमें से दो नामजद आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। यह जानकारी शुक्रवार को सुबह एक पुलिस अधिकारी ने दी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) विपिन ताडा ने बताया कि थाना लिसाड़ी गेट क्षेत्र में तीन बच्चों समेत पांच लोगों की नौ जनवरी को हुई हत्या के मामले में मृत महिला के परिजनों द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर तीन नामजद और कुछ अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
उन्होंने बताया कि इनमें से दो नामजद अभियुक्त और कुछ अन्य संदिग्धों को पुलिस ने हिरासत में लिया है जिनसे पूछताछ की जा रही है। एक नामजद अभियुक्त फरार है जिसकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
नौ जनवरी, बृहस्पतिवार को शहर के थाना लिसाड़ी गेट क्षेत्र के सुहेल गार्डन में एक घर में पति-पत्नी के शव चादर में लिपटे मिले थे। उनकी तीन बेटियों को मारकर बोरी में भरा गया, फिर पलंग (बेड) के बॉक्स में छिपा दिया गया था। सभी के सिर पर गहरी चोट थी। गले पर भी धारदार हथियार के निशान मिले। घर के गेट पर बाहर से ताला लगा था।
पुलिस ने मरने वालों की पहचान मोइन उर्फ मोइनुद्दीन (52), उनकी पत्नी आसमां (45) और उनकी तीन बेटियों अफ्शां (आठ वर्ष), अजीजा (चार वर्ष) और अदीबा (एम वर्ष) के रूप में की।
थाना लिसाड़ी गेट पुलिस के अनुसार, देर रात आसमां के भाई शमीम ने तहरीर दी जिसमें आसमां की देवरानी नजराना और दो भाइयों को नामजद किया है। पुलिस ने तीन नामजद और दो अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया है। इनमें दो नामजद आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बृहस्पतिवार रात अपराध स्थल का दौरा करने वाले एसएसपी ने कहा कि जब स्थानीय लोगों और पड़ोसियों ने शाम को घर की जांच की तो परिवार का घर बाहर से बंद था।
ताडा ने संवाददाताओं से कहा, ‘छत के रास्ते प्रवेश करने के बाद, उन्हें शव मिले। जिस तरह से घर बंद था, उससे पता चलता है कि अपराध में शामिल व्यक्ति परिवार का कोई परिचित हो सकता है।’
एसएसपी ने कहा कि प्रारंभिक जांच घटना के पीछे संभावित मकसद के रूप में पुरानी दुश्मनी की ओर इशारा करती है। उन्होंने कहा, ‘ मामले की एक विस्तृत जांच चल रही है।’
एसएसपी ने आगे कहा कि मृतकों में से एक के पैर एक चादर से बंधे पाए गए, एक फोरेंसिक टीम और वरिष्ठ अधिकारी साक्ष्य एकत्र कर रहे हैं। परिवार हाल ही में इस क्षेत्र में आया था और पुलिस अधिक विवरण प्राप्त करने के लिए उनकी पृष्ठभूमि की जांच कर रही है।
ताडा ने कहा कि मोइन, जो एक राजमिस्त्री है,और अस्मा बुधवार से लापता थे। पुलिस के अनुसार, मोइन के भाई सलीम ने सबसे पहले इस भयावह दृश्य को देखा, जब वह अपने भाई के बारे में चिंतित परिवार से मिलने गया था।
सलीम अपनी पत्नी के साथ मोइन के घर पहुंचा। दरवाजा खोलने के कई असफल प्रयास के बाद वे पड़ोसियों की मदद से जबरन अंदर घुसे।
परिवार के पड़ोसी इमरान सैफी ने संवाददाताओं को बताया कि हत्याएं बहुत ही भयानक तरीके से की गई थीं। उन्होंने कहा कि पड़ोसियों को घटना के बारे में तब पता चला जब मृतक महिला का भाई उसे खोजते हुए आया और परिवार को पाया।
सैफी ने कहा, ‘पूरा परिवार हाल ही में सुहैल गार्डन इलाके में रहने आया था और किराए के घर में रह रहा था। वे वहां से कुछ ही दूरी पर अपना घर बना रहे थे।’ परिवार के बारे में बात करते हुए सैफी ने कहा कि वे ‘सभ्य’ लोग थे और उनका किसी से कोई विवाद नहीं था। सैफी ने कहा कि वे नियमित रूप से काम पर जाते और वापस आते थे।
जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या परिवार का दूसरों के साथ कोई झगड़ा या विवाद था, तो सैफी ने कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं देखा, लेकिन वे और अधिक जानकारी नहीं दे सकते।
अस्मा के भाई शमीम ने पत्रकारों को बताया कि वह हापुड़ में रहता है और उसकी बहन की नौ साल पहले दूसरी शादी हुई थी। जब उससे पूछा गया कि हत्याओं के पीछे कौन हो सकता है, तो उसने कहा कि उसे कुछ नहीं पता।
हालांकि, उसने इस बात पर जोर दिया कि उसकी बहन एक अच्छी इंसान थी जिसका किसी से कोई झगड़ा नहीं था। उसने न्याय की अपील की।
मोइन के बारे में बात करते हुए उसने कहा कि वह एक राजमिस्त्री था। उसने यह भी खुलासा किया कि कुछ समय पहले मोइन के बड़े भाई को कुछ जमीन खरीदने के लिए 4.5 लाख रुपये का कर्ज दिया गया था।
भाषा सं जफर आनन्द मनीषा संतोष
संतोष