कांवड़ियों के लिए कड़ी सुरक्षा, सुगम दर्शन के लिए विशेष प्रबंध : उत्तर प्रदेश सरकार

कांवड़ियों के लिए कड़ी सुरक्षा, सुगम दर्शन के लिए विशेष प्रबंध : उत्तर प्रदेश सरकार

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  • Publish Date - July 21, 2024 / 09:55 PM IST,
    Updated On - July 21, 2024 / 09:55 PM IST

वाराणसी/मुजफ्फरनगर (उप्र), 21 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार को कहा कि उसने सोमवार से सावन के महीने की शुरुआत होने पर श्रद्धालुओं के लिए कड़ी सुरक्षा और सुगम दर्शन सुनिश्चित करने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।

आगामी 22 जुलाई से 19 अगस्त तक महादेव की पूजा के इस विशेष श्रावण मास में पांच सोमवार शामिल होंगे। सावन के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए कांवड़ लेकर विभिन्न स्थानों से यात्रा करते हैं।

अधिकारियों ने वाराणसी में सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी साझा करते हुए कहा कि सोमवार को वाराणसी में मैदागिन से गोदौलिया तक का इलाका वाहन प्रतिबंधित क्षेत्र रहेगा। दोनों स्थानों से बुजुर्गों और दिव्यांगों को ई-रिक्शा से मंदिर तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही श्रद्धालुओं को धूप और बारिश से बचाने के लिए भी इंतजाम किए गए हैं। इसके लिए पहली बार ‘सिल्को गेट’ से प्रवेश की व्यवस्था की गई है। प्रयागराज से वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक लेन कांवड़ियों के लिए आरक्षित की गई है।

बयान में कहा गया है कि सोमवार को दैनिक पास रद्द कर दिए जाएंगे और बाबा विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन पर प्रतिबंध रहेगा। बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए काशी में कांवड़ियों का आना शुरू हो गया है। जलाभिषेक करने के लिए भगवान शिव के श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं।

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने कहा कि मंदिर और जिला प्रशासन ने सावन के दौरान आगंतुकों की सुविधा और सुचारू दर्शन के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं।

मिश्रा ने बताया कि मंदिर प्रशासन सोमवार को गोदौलिया और मैदागिन से मंदिर के गेट नंबर 4 तक वीआईपी, बुजुर्ग, दिव्यांग और बीमार श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क ई-रिक्शा की व्यवस्था करेगा। पूरा मंदिर परिसर सीसीटीवी कैमरों से लैस है और श्रद्धालुओं की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया गया है।

सड़कों पर भीड़ कम करने के लिए मंदिर परिसर में अवरोधक भी लगाए गए हैं। साथ ही श्रद्धालुओं को बारिश, धूप और गर्मी से बचाने के लिए अतिरिक्त शेड भी लगाए गए हैं।

मिश्रा ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए पानी और ओआरएस की भी व्यवस्था की गई है। विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह के दर्शन और पूजा का सीधा प्रसारण किया जाएगा। मंदिर परिसर में विभिन्न स्थानों पर छह एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ‘खोया-पाया केंद्र’ बनाया गया है, जहां बहुभाषी कर्मचारी तैनात रहेंगे।

मिश्रा ने बताया कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए चिकित्साकर्मियों को तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि सोमवार को भारी भीड़ रहने के कारण मंदिर परिसर में लॉकर की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी और श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे दर्शन के लिए आते समय बैग, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण या प्रतिबंधित वस्तुएं लाने से बचें।

इस बीच, मुजफ्फरनगर जिले की पुलिस ने कहा कि इस साल की कांवड़ यात्रा को सुरक्षित बनाने के प्रयास जारी हैं।

मुजफ्फरनगर के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) सत्यनारायण प्रजापत ने संवाददाताओं से कहा कि इस साल की कांवड़ यात्रा में जिला पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी तैयारियां पूरी हैं। हमने पहले ही विभिन्न विभागों के साथ बैठकें की हैं। अंतर-राज्यीय और अंतर-जिला बैठकें भी हो चुकी हैं। उत्तराखंड के साथ हमारा समन्वय भी जारी है।’’

प्रजापत ने कहा, ‘‘मुजफ्फरनगर में 260 किलोमीटर लंबे कांवड़ यात्रा मार्ग को 5 सुपर-सुपर जोन, 16 सुपर जोन और 80 सेक्टरों में बांटा गया है। पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी से लेकर कांस्टेबल तक के पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा के लिए पीएसी की छह कंपनियां और आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) की एक कंपनी तैनात की जाएगी।’’

उन्होंने कहा कि गोताखोर और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक भी तैनात किए जाएंगे। करीब 1,800 सीसीटीवी लगाए गए हैं। यात्रा की निगरानी ड्रोन से भी की जाएगी।

मुजफ्फरनगर पुलिस ने पिछले सप्ताह कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी होटलों, रेस्टोरेंट और ढाबों को अपने मालिकों के नाम, पता और मोबाइल नंबर के साथ साइनबोर्ड लगाने के आदेश जारी किए थे।

भाषा सं सलीम आशीष

आशीष