प्रयागराज। Prayagraj Mahakumbh 2025 : प्रयागराज महाकुंभ में हुए हादसे के बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। जिसमें वाहनों के प्रतिबंध की जानकारी दी जा रही है। हालांकि ये वीडियो सिर्फ एक अफवाह है। इसकी जानकारी खुद प्रयागराज प्रशासन ने दी है। साथ ही कहा गया है कि इस तरह के वीडियो पर भरोसा न करें। ज्यादा भीड़ और महाकुंभ में हुए हादसे को देखते हुए सोशल मीडिया पर अफवाह वाले वीडियो काफी ज्यादा वायरल हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही न्यूज कि 4 फरवरी तक प्रयागराज में वाहनों के प्रवेश पर रोक रहेगी, पूरी तरह से निराधार है। इसकी जानकारी खुद प्रयागराज के डीएम रविंद्र कुमार मांदड ने दी है।
प्रयागराज के जिला अधिकारी रविंद्र कुमार मंदर ने कहा, “सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही है कि प्रयागराज में 4 फरवरी तक वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। यह खबर पूरी तरह से निराधार है। डायवर्जन स्कीम सिर्फ मौनी अमावस्या के दिन के लिए लागू की गई थी। अब लगभग सभी श्रद्धालु वापस लौट रहे हैं और डायवर्जन स्कीम को पुलिस हटा रही है। हमने पुलिस को बैरिकेडिंग हटाने के निर्देश दिए हैं। 31 जनवरी, 1 और 4 फरवरी को किसी भी वाहन पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। सिर्फ 2 और 3 फरवरी को वसंत पंचमी के स्नान पर डायवर्जन स्कीम लागू रहेगी। मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश की एक बहुत ही अलग प्रक्रिया है, मेला अधिकारी और DIG सभी को इसकी जानकारी देंगे। कमिश्नरेट क्षेत्र में वाहनों पर कोई प्रतिबंध नहीं है…”
#WATCH | #MahaKumbh2025 | प्रयागराज: प्रयागराज के जिला अधिकारी रविंद्र कुमार मंदर ने कहा, “सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही है कि प्रयागराज में 4 फरवरी तक वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। यह खबर पूरी तरह से निराधार है। डायवर्जन स्कीम सिर्फ मौनी अमावस्या के दिन के लिए लागू की… pic.twitter.com/HTL8Excj5S
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 31, 2025
बता दें कि महाकुंभ मेले में भगदड़ के बाद खबर आई कि अब मेला क्षेत्र में किसी भी प्रकार के वाहनों का प्रवेश वर्जित रहेगा फिर चाहे वाहन पर पास ही क्यों न लगा हो। फिलहाल, मेला क्षेत्र पूरी तरह नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। मेला प्रशासन की ओर से VVIP पास भी रद्द कर दिए गए हैं। मेला क्षेत्र में रास्ते वन-वे किए गए हैं। जिसके बाद से एक रास्ते और श्रद्धालुओं को स्नान के बाद दूसरे रास्ते से भेजा जा रहा है, ताकि ट्रैफिक जाम और भगदड़ की संभावना कम हो सके।