आयुर्वेद और प्राकृतिक खेती को लेकर लोगों को जागरूक करने की जरूरतः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

आयुर्वेद और प्राकृतिक खेती को लेकर लोगों को जागरूक करने की जरूरतः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

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  • Publish Date - March 27, 2025 / 04:30 PM IST,
    Updated On - March 27, 2025 / 04:30 PM IST

लखनऊ, 27 मार्च (भाषा) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी सरकार ने धार्मिक पर्यटन में उत्तर प्रदेश को नंबर एक बनाया है और अब स्वास्थ्य पर्यटन में भी इसे शीर्ष पर ले जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य पर्यटन के लिए शुद्ध वातावरण और प्रचुर जल संसाधन उपलब्ध हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष अस्पताल और आरोग्य केंद्र स्वास्थ्य पर्यटन के नए केंद्र बन सकते हैं। उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों से अपील की कि वे आयुर्वेद की प्राचीन पद्धतियों और दादी-नानी के नुस्खों को संरक्षित करें और लोगों को प्राकृतिक खेती और संतुलित जीवनशैली के प्रति जागरूक करें।

यहां बृहस्पतिवार को लोक भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में मुख्यमंत्री ने आयुष विभाग और गृह विभाग के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) एवं उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) द्वारा चयनित 283 चिकित्सा अधिकारियों और कनिष्ठ प्रयोगशाला सहायकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए।

उन्होंने कहा, ”देश की सेवा नारों या भाषणों से नहीं, बल्कि ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से होती है। नवचयनित लोगों से अपील है कि वे पूरी तत्परता और पारदर्शिता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें, ताकि उत्तर प्रदेश देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ सके।”

मुख्यमंत्री ने कहा, ”पिछले आठ वर्षों में हमने प्रदेश में 8.30 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां दी हैं। अगर यह नियुक्तियां सुचिता और पारदर्शिता के साथ नहीं होतीं, तो ये सभी मामले कोर्ट में लंबित हो जाते और एक भी भर्ती पूरी नहीं हो पाती।”

योगी आदित्यनाथ ने कहा, ”2017 से पहले यूपीपीएससी, यूपीएसएसएससी और पुलिस भर्ती बोर्ड की कार्य पद्धति पर गंभीर सवाल उठते थे। हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में याचिकाएं लंबित रहती थीं। उस समय उत्तर प्रदेश को बीमारु राज्य कहा जाता था, लेकिन असल में बीमारु तत्कालीन व्यवस्था थी।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष, आयुर्वेद, होम्योपैथी और अन्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियां भारत की प्राचीन विरासत का हिस्सा हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इन पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए अलग मंत्रालय बनाया और आज इसके परिणाम देखने को मिल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना हो चुकी है। वर्तमान में 2,114 आयुर्वेद, 254 यूनानी और 1,585 होम्योपैथी चिकित्सालय संचालित हो रहे हैं। लखनऊ और पीलीभीत में निर्माणाधीन आयुष चिकित्सालयों का कार्य अंतिम चरण में है। 15 जनपदों में 50 शय्या वाले इंटीग्रेटेड आयुष हॉस्पिटल शुरू हो चुके हैं, जबकि 3 जनपदों में निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके साथ ही 1,034 आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित किए गए हैं और 225 आयुष चिकित्सालयों में योग व वेलनेस सेंटर शुरू किए गए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आस्था और विरासत के सम्मान से रोजगार सृजन की बात करते हुए कहा कि महाकुंभ की सफलता में सभी विभागों के कार्मिकों की मेहनत दिखी। 45 दिनों के इस आयोजन में दुनिया भर से लोग आए और इसकी तारीफ की।

उन्होंने बताया कि काशी, अयोध्या, चित्रकूट, गोरखपुर, नैमिषारण्य, मथुरा-वृंदावन और सुख तीर्थ जैसे क्षेत्रों में आस्था के सम्मान से लाखों लोगों को रोजगार के नए अवसर मिले हैं।

इस दौरान आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. दयाशंकर मिश्र, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद, पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार, प्रमुख सचिव (आयुष) रंजन कुमार सहित कई गणमान्य और अधिकारी मौजूद रहे।

भाषा राजेंद्र संतोष पवनेश

पवनेश