लखनऊ, सात मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले से गिरफ्तार किये गये बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) का आतंकी लजर मसीह ने अन्तर्राज्यीय स्तर पर जालसाजी और धोखाधड़ी करके अपना आधार कार्ड बनवाया और उसी पर नया सिम भी लिया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार बृहस्पतिवार तड़के गिरफ्तार किया गया लजर मसीह महाकुंभ के दौरान अशांति फैलाकर भारत से फरार होना चाहता था।
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था व एसटीएफ) अमिताभ यश ने बताया कि लजर मसीह ने गुरदासपुर (पंजाब) के एक मेडिकल ऑफिसर द्वारा जारी पते के फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर आधार कार्ड में अपना पता अमृतसर से बदलकर चंदर नगर, गाजियाबाद करवा लिया था।
यश ने बताया कि आरोपी लजर मसीह ने 16 दिसम्बर को फर्जी पते पर बने आधार कार्ड को डाउनलोड कर नया सिम लिया। पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बृहस्पतिवार को बताया कि लजर मसीह महाकुंभ के दौरान अशांति फैलाकर भारत से फरार होना चाहता था।
एडीजी यश ने उसकी फरारी की तैयारी का ब्यौरा देते हुए बताया कि लजर मसीह ने फर्जी पासपोर्ट के लिए दिल्ली के एक गिरोह से संपर्क साधा था। गाजियाबाद से पासपोर्ट का फॉर्म भरा भी गया था जिसमे जनवरी में पासपोर्ट ऑफिस में एपॉइन्ट्मन्ट की तारीख लगी थी, लेकिन उस दिन वह पंजाब से गाज़ियाबाद नहीं पहुंच सका था।
उन्होंने बताया कि फर्जी पते से पासपोर्ट बनवाने के लिए किसी दलाल ने 15 लाख रुपये मांगे थे जिनमें से वह 2.5 लाख रुपये दे चुका है।
यश ने बताया कि यह आतंकवादी 24 सितंबर 2024 को पंजाब में न्यायिक हिरासत से फरार हो गया था। उत्तर प्रदेश के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और पंजाब पुलिस के संयुक्त अभियान में बृहस्पतिवार तड़के कौशांबी जिले से बीकेआई के ‘सक्रिय आतंकवादी’ लजर मसीह को गिरफ्तार किया गया।
डीजीपी कुमार ने कहा था कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल के इस आतंकी की गिरफ्तारी से पाकिस्तान से भारत में हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी की पुष्टि भी हुई है।
पुलिस के अनुसार मसीह ने प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान एक बड़े आतंकी हमले की साजिश रची थी। उन्होंने कहा, ‘हालांकि, धार्मिक आयोजन में कड़ी सुरक्षा जांच के कारण वह अपनी साजिश को अंजाम नहीं दे सका।’
उन्होंने कहा कि साजिश को अंजाम नहीं दे सकने के बाद मसीह का इरादा फर्जी पासपोर्ट का उपयोग कर भारत से फरार होने और पुर्तगाल में शरण लेने का था। शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि उसका बब्बर खालसा के एक सदस्य के साथ संबंध था जो पहले ही फर्जी यात्रा दस्तावेज के जरिए दुबई से भागा है।
डीजीपी ने बताया कि मसीह पाकिस्तान में आईएसआई के तीन एजेंटों के संपर्क में था और वह पूर्व में हथियारों और हेरोइन की तस्करी के मामले में जेल जा चुका है, लेकिन 24 सितंबर 2024 को अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल में इलाज के दौरान भाग गया था।
उन्होंने बताया कि भागने के बाद उसने 23 अक्टूबर 2024 को पंजाब के बटाला में स्वर्ण सिंह उर्फ जीवन फौजी के इशारे पर गोली चलाई थी जिसके बाद वह सोनीपत और दिल्ली में छिपा रहा।
कुमार ने बताया कि मसीह पंजाब में पुलिस चौकियों पर हमलों में शामिल बीकेआई के सदस्यों को कूट संकेतों के जरिए ग्रेनेड की आपूर्ति करता रहा है और वह पीलीभीत में मारे गए आतंकी विरेश सिंह उर्फ रवि के भी संपर्क में था।
उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक, मसीह अमेरिका स्थित एक खालिस्तानी आतंकी से जुड़े अजनाला स्थित एक शख्स और कतर में छिपे एक अन्य आतंकी के निरंतर संपर्क में था। पुलिस ने बताया कि उसने कूटरचित मंचों से संवाद किया और उसके मोबाइल फोन डेटा का एसटीएफ साइबर लैब में विश्लेषण किया जा रहा है।
डीजीपी ने कहा, “मसीह आतंकी गतिविधियों के लिए धन उपलब्ध कराने में पंजाब के मादक पदार्थ और फिरौती के अपने गिरोह का उपयोग कर रहा था। मुक्तसर जेल में एक साथी कैदी के जरिए आईएसआई के लोगों से उसका संपर्क स्थापित हुआ। कैदी ने उसे सीमा पार से ड्रोन का उपयोग कर हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले लोगों से संपर्क कराया।”
इससे पूर्व उत्तर प्रदेश एसटीएफ के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) अमिताभ यश ने बताया कि पंजाब के अमृतसर के रामदास क्षेत्र के कुरलियां गांव निवासी आरोपी लजर मसीह को तड़के करीब 3:20 बजे गिरफ्तार किया गया। अभियान कौशांबी जिले के कोखराज थाना क्षेत्र में चलाया गया था।
भाषा आनन्द रंजन
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