बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव के निलंबन पर रोक |

बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव के निलंबन पर रोक

बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव के निलंबन पर रोक

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2024 / 09:08 PM IST
Published Date: November 29, 2024 9:08 pm IST

लखनऊ, 29 नवंबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने कथित भ्रष्टाचार के मामले में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डाक्टर अश्वनी कुमार सिंह के निलंबन पर रोक लगा दी है। साथ ही अदालत ने सिंह के खिलाफ जांच पर भी रोक लगा दी है।

अदालत ने केंद्र सरकार और विश्वविद्यालय को चार सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति अब्दुल मोइन की एकल पीठ ने डाक्टर अश्वनी कुमार सिंह की याचिका पर बृहस्पतिवार को यह आदेश पारित किया। याचिकाकर्ता ने 18 नवंबर को पारित अपने निलंबन और 22 नवंबर को अपने खिलाफ पारित विभागीय जांच के आदेश को चुनौती दी है। ये दोनों ही आदेश कार्यवाहक कुलपति द्वारा पारित किए गए हैं।

याचिकाकर्ता की दलील है कि नियम के तहत उनके खिलाफ ये आदेश पारित करना कुलपति के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।

वहीं इस याचिका का विरोध करते हुए विश्वविद्यालय की ओर से दलील दी गई कि कुलपति को विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है। भ्रष्टाचार का एक मामला पाए जाने के बाद याचिकाकर्ता के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा कि विश्वविद्यालय के नियमों के प्रावधानों के तहत कर्मचारियों और अधिकारियों को अलग अलग परिभाषित किया गया है और कुलसचिव को एक अधिकारी माना गया है।

अदालत ने कहा कि कुलपति को कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है, ना कि अधिकारियों के खिलाफ। प्रथम दृष्टया कुलपति द्वारा पारित दोनों आदेश उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर के प्रतीत होते हैं।

भाषा सं राजेंद्र शोभना

शोभना

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)