अलीगढ़ (उप्र), आठ मार्च (भाषा) अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) ने फैसला किया है कि विद्यार्थी ‘नॉन रेजिडेंट स्टूडेंट्स सेंटर’ (एनआरएससी) हॉल में स्वतंत्र रूप से होली खेल सकते हैं। विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
एएमयू के ‘नॉन रेजिडेंट स्टूडेंट्स सेंटर’ हॉल के प्रभारी, प्रोफेसर बृज भूषण सिंह ने शुक्रवार रात संवाददाताओं को बताया,‘‘विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस बात की अनुमति देने का फैसला किया है कि एएमयू का कोई भी विद्यार्थी 13 और 14 मार्च को एनआरएससी हॉल में रंग और गुलाल से होली खेल सकता है।’’
उन्होंने कहा कि नौ मार्च को एएमयू बोर्ड की परीक्षा है।
सिंह ने कहा, ‘‘इसलिए, मुझे लगता है कि अगर कोई विद्यार्थी यहां आकर होली खेले तो यह उचित नहीं होगा। परिसर में 10 मार्च, 11 मार्च और 12 मार्च कार्य दिवस हैं तथा विद्यार्थियों के लिए कक्षाएं होंगी इसलिए कार्य दिवस पर होली खेलना उचित नहीं होगा। ऐसे में, 13 मार्च और 14 मार्च को छुट्टियां हैं इसलिए उन दिन होली खेली जा सकती है।’’
एएमयू की वेबसाइट के अनुसार एनआरएससी गैर-निवासी विद्यार्थियों के लिए एक केंद्र है जो विश्वविद्यालय में स्नातक से पीएचडी तक की पढ़ाई कर रहे हैं।
दरअसल अलीगढ़ से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सतीश गौतम ने शुक्रवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में होली मनाने संबंधी विवाद को यह कह कर और बढ़ा दिया था कि ‘‘कोई भी किसी को एएमयू परिसर में होली मनाने से नहीं रोक सकता।’’
गौतम ने हिंदू विद्यार्थियों को अपना समर्थन देते हुए कहा था, ‘‘अगर किसी हिंदू विद्यार्थी को परिसर के अंदर होली मनाने में कोई परेशानी होती है तो मैं उसकी मदद करने के लिए तैयार हूं।’’
यह विवाद तब शुरू हुआ जब दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों के सदस्यों ने एएमयू प्रशासन पर हिंदू विद्यार्थियों को परिसर में ‘होली मिलन’ समारोह आयोजित करने की अनुमति न देने का आरोप लगाया।
गौतम ने कहा, ‘‘किसी भी जगह होली खेलने के लिए किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं है।’’
वहीं स्थानीय कांग्रेस नेता और अलीगढ़ के पूर्व विधायक विवेक बंसल ने भाजपा पर राजनीतिक लाभ के लिए एएमयू में होली के उत्सव को लेकर जानबूझकर विवाद खड़ा करने का आरोप लगाया और इसे ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ करार दिया।
एएमयू के पूर्व छात्र बंसल ने अपना निजी अनुभव साझा करते हुए कहा, ‘‘हम हमेशा एएमयू में दोस्तों के साथ होली मनाते थे और मुझे कभी भी इस मुद्दे पर किसी से कोई कटुता या विरोध की बात याद नहीं आती। फिर भाजपा भड़काऊ राजनीति क्यों कर रही है और शांति भंग करने की कोशिश क्यों कर रही है?’’
उन्होंने भाजपा से तनाव बढ़ाने से बचने का आग्रह किया।
एएमयू की मुख्य प्रवक्ता प्रोफेसर विभा शर्मा ने कहा, ‘‘एएमयू में हमेशा से होली समारोह और अन्य सभी त्योहार मनाने की एक सुंदर परंपरा रही है, जिसमें विद्यार्थी, शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी विभिन्न स्थानों पर एकत्र होते हैं और खुशियां साझा करते हैं।’’
शर्मा ने कहा, ‘‘इस तरह के किसी भी उत्सव के लिए विशेष अनुमति लेने का सवाल कभी नहीं उठा और हमें कभी भी इस तरह के औपचारिक समारोह की आवश्यकता महसूस नहीं हुई। हमारा निरंतर प्रयास है कि मित्रता की यह भावना हमेशा बनी रहे।’’
आज जब एएमयू प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम अली से संपर्क किया गया, तो उन्होंने पुष्टि की कि एनआरएससी हॉल के प्रभारी प्रोफेसर बृज भूषण सिंह ने दोहराया है कि, ‘‘हमेशा की तरह एनआरएससी के दरवाजे सभी गैर-निवासी विद्यार्थियों के लिए 13 मार्च और 14 मार्च को होली खेलने के लिए खुले रहेंगे।’’
नाम न बताने की शर्त पर विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया,‘‘हमें भाईचारे की भावना से सभी त्योहार मनाने की अपनी परंपरा पर बहुत गर्व है। हालांकि, पिछले साल हमें एक अप्रिय अनुभव हुआ था, जब कुछ हिंदू विद्यार्थियों ने एक विशेष समारोह के लिए अनुमति मांगी थी। हमारे मना करने के बावजूद कुछ बाहरी असामाजिक तत्व, जिनका किसी मूल छात्र से कोई लेना-देना नहीं था, परिसर में घुस आए और जाकिर हुसैन इंजीनियरिंग कॉलेज के पास छात्राओं को परेशान करना शुरू कर दिया।’’
एएमयू अधिकारी ने कहा,‘‘इससे उस कार्य दिवस पर कानून और व्यवस्था की स्थिति गंभीर रूप से बिगड़ सकती थी, जब कक्षाएं चल रही थीं। सौभाग्य से, संकट टल गया। लेकिन, तब से हम ऐसे अवसरों पर अधिक सतर्क हो गए हैं।’
भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने खुशी जताते हुए कहा, ‘‘अब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भी होली खेली जाएगी। होली उत्साह, उमंग और रंगों का त्योहार है। ऐसा लगता है कि कुछ लोग होली को कलंकित करने में लगे हैं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय किसी धर्म विशेष की नहीं है।’’
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने शनिवार को कहा, ‘शिक्षण संस्थानों में धार्मिक त्योहारों का आयोजन नहीं होना चाहिए। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में होली मनाने की अनुमति देकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने विवाद से बचने का काम किया है। होली का त्योहार मनाने की अनुमति देकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अच्छा कदम उठाया है।’
उन्होंने कहा, ‘अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय भारत का गौरव है। यहां सभी धर्मों के छात्र पढ़ते हैं। धार्मिक त्योहार मनाने की गलत परंपरा नहीं होनी चाहिए। धार्मिक त्योहारों की परंपरा से शिक्षण कार्य को नुकसान पहुंचेगा। विश्वविद्यालयों में किसी भी तरह का धार्मिक विवाद नहीं होना चाहिए, वहां से शांति और सद्भाव का संदेश जाता है। सभी धर्मों के लोगों को सभी त्योहारों का सम्मान करना चाहिए।’
भाषा
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