बहराइच (उप्र), सात जनवरी (भाषा) सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के एक दल ने नेपाल से कथित तौर पर तस्करी करके दिल्ली ले जायी जा रही एक किशोरी को जिले के रुपईडीहा सीमा से एक मानव तस्कर के चंगुल से मुक्त कराकर एक स्वयंसेवी संस्था को जबकि आरोपी तस्कर को नेपाल पुलिस को सौंप दिया। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
एसएसबी 42वीं वाहिनी के उपसेनानायक दिलीप कुमार ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बताया कि सोमवार शाम भारत नेपाल मैत्री बस पर सवार होकर नेपाल से भारत में प्रवेश करते समय एक नेपाली नागरिक को एक नाबालिग नेपाली लड़की के साथ रुपईडीहा (भारत) एकीकृत जांच चौकी (आईसीपी) पर पकड़ा गया।
उपसेनानायक ने बताया कि जांच के दौरान दोनों ने संदिग्ध व्यवहार किया और पूछताछ में उनके जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए, जिससे संदेह बढ़ गया। उन्होंने कहा कि तब 42वीं बटालियन एसएसबी अधिकारियों ने महिला कर्मियों, एनजीओ के नेपाली व भारतीय सदस्यों की मौजूदगी में गहन पूछताछ की।
उन्होंने बताया कि पूछताछ में खुलासा हुआ कि 16 वर्षीय नाबालिग लड़की नेपाल के सुदूरपश्चिम प्रदेश की निवासी है तथा उसे वहां से लेकर आ रहा मानव तस्करी में लिप्त सुनील सोनी (21) नेपाल के सुर्खेत पालिका का निवासी है।
उन्होंने बताया कि पूछताछ में पता चला कि सुनील सोनी दिल्ली के महिपालपुर की एक परिवहन कंपनी में चालक के रूप में कार्यरत है। अधिकारी ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि सोनी ने सोशल मीडिया पर लड़की से संपर्क किया था और लड़की के माता-पिता को बगैर बताये दिल्ली में नौकरी दिलाने का झांसा देकर, बहला- फुसलाकर नेपालगंज से भारत-नेपाल मैत्री बस से दिल्ली ले जा रहा था।
कुमार ने बताया कि एनजीओ सदस्यों द्वारा काउंसलिंग के बाद, नाबालिग लड़की को नेपाल पुलिस की मौजूदगी में नेपाली एनजीओ को सौंप दिया गया जबकि आरोपी को नेपाल पुलिस के हवाले कर दिया गया। कुमार ने बताया कि यह कार्रवाई 42वीं वाहिनी के कार्यवाहक कमांडेंट राज रंजन के नेतृत्व व निर्देशन में की गई।
भाषा सं आनन्द अमित
अमित
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