बलिया, 29 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश में बलिया जिले के बैरिया क्षेत्र में एक ट्रेन के इंजन के पटरी पर रखे पत्थर से टकराने के एक दिन बाद रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने मामले को सुलझाने के लिए एक विशेष टीम बनाई है।
अधिकारियों के मुताबिक, रविवार देर शाम अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस क्षेत्राधिकारी (बैरिया) मोहम्मद उस्मान ने बताया कि छपरा रेल प्रखंड पर बकुलहा-मांझी रेलवे स्टेशन के बीच शनिवार को पटरी पर रखे पत्थर के लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस ट्रेन के इंजन के कैटल गार्ड से टकराने के मामले की जांच के लिये आरपीएफ ने एक विशेष टीम बनायी है। इस बात की जांच की जानी है कि यह घटना साजिश है या शरारत।
इस मामले में रविवार को देर शाम अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।
बैरिया थाना प्रभारी रामायण सिंह ने बताया कि बैरिया थाने में रविवार देर शाम आरपीएफ के निरीक्षक वी. के. सिंह की तहरीर पर अज्ञात लोगों के विरुद्ध रेलवे अधिनियम तथा भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
आरपीएफ थाने के निरीक्षक वी. के. सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अधिकारियों की टीम को शुरुआती जांच में पता चला है कि पटरी पर रखा गया पत्थर इंजन से टकराया था जिससे दुर्घटना हो सकती थी तथा यह ट्रेन को पलटाने की नियत से किया गया है।
यह पूछे जाने पर कि यह घटना साजिश है या शरारत, सिंह ने कहा कि इस मामले में टीम का फिलहाल निष्कर्ष यही है कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने पटरी पर पत्थर रखा था। हालांकि इस घटना में कुछ भी क्षतिग्रस्त नहीं हुआ है।
इस बीच, पुलिस क्षेत्राधिकारी (बैरिया) मोहम्मद उस्मान ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद बताया कि शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि मौके पर मिले पत्थर रेलवे ट्रैक के ही पत्थर लग रहे हैं तथा पत्थर कहीं और से नहीं लाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि यह घटना साजिश है या शरारत, इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है।
यह पूछे जाने पर कि क्या मांझी पुल को नदी के कटान से बचाने के लिए गिराए गए पत्थरों में से कुछ को शरारती तत्वों या व्यक्तियों ने पटरी पर रख दिया था, उस्मान ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 पर रखे गए पत्थरों को रेलवे ट्रैक पर ले जाना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि रेलवे ट्रैक इतनी ऊंचाई पर है कि वहां से किसी वाहन को ले जाना संभव नहीं है।
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश में रेलवे ट्रैक पर गैस सिलेंडर, खंभे आदि मिलने के कई मामलों के बीच यह ताजा घटना हुई है।
वाराणसी-बलिया-छपरा रेल खंड के बीच रेलवे ट्रैक पर शनिवार पूर्वाह्न 10 बजकर 25 मिनट पर एक पत्थर रखा था। पत्थर देखकर ट्रेन चालक ने आपातकालीन ब्रेक लगा दिए।
इस बीच, शनिवार को एक अन्य घटना में बांदा-महोबा रेल ट्रैक पर फेंसिंग पिलर लगाने के आरोप में 16 वर्षीय लड़के को पकड़ा गया है।
पुलिस ने बताया कि पैसेंजर ट्रेन के चालक को ट्रैक पर कंक्रीट का खंभा देखकर ट्रेन को रोकने के लिए आपातकालीन ब्रेक लगाने पड़े।
इससे पहले, रामपुर में 18 सितंबर को बिलासपुर रोड और रुद्रपुर सिटी रेलवे स्टेशनों के बीच ट्रैक पर छह मीटर लंबा लोहे का खंभा रखकर नैनी जन शताब्दी एक्सप्रेस को कथित तौर पर पटरी से उतारने की कोशिश के सिलसिले में 22 सितंबर को दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
इसी तरह पिछली आठ सितंबर को प्रयागराज से भिवानी की ओर जा रही कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी पर एलपीजी सिलेंडर रखकर बेपटरी करने की कोशिश की गई थी।
भाषा सं. सलीम नोमान
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