लखनऊः Samvida Karmchari Regularization कोरोना महामारी के समय राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) में संविदा पर भर्ती किए गए कर्मचारियो के लिए खुशखबरी है। अब इन्हें नौकरी से नहीं निकाला जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार अब उन्हें दूसरे स्वास्थ्य कार्यक्रमों में समायोजित करेगी। इस संबंध में एनएचएम की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल ने आदेश भी जारी कर दिया है। इस आदेश के बाद अब स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारियों ने खुशी की लहर दौड़ गई है।
Samvida Karmchari Regularization दरअसल, कोरोना काल में चरमराई स्वास्थ्य्य व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मचारियों की संविदा के आधार पर भर्ती की थी। इनमें लगातार सेवाएं भी ली गई। नौकरी से निकालने जाने की आशंका के बाद इन स्वास्थ्य कर्मचारियों ने प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के आवास पर पहुंचे। भारी संख्या में मौजूद कर्मचारियों को पुलिस ने किसी तरह मशक्कत कर गेट पर रोका। उप मुख्यमंत्री आवास से बाहर आए और उन्होंने उनकी मांग को सुना। उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया और देर शाम तक इससे संबंधित आदेश भी जारी कर दिए। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के समय कुल 7,200 संविदा कर्मचारियों को भर्ती किया गया था और जरूरत के अनुसार 5,500 कर्मियों को एनएचएम के दूसरे कार्यक्रमों में समायोजित किया गया है। बाकी बचे कर्मचारियों को भी समायोजित किया जाएगा। किसी भी कर्मचारी को नौकरी से बाहर नहीं निकाला जाएगा। सरकार पूरी तरह आपके साथ खड़ी है।
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वहीं, दूसरी ओर प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मेरठ सहित अन्य जिलों में कर्मचारियों को निकाला जा रहा है। अगले महीने से उन्हें मानदेय भी नहीं दिया जाएगा। आउटसोर्सिंग कंपनियों को फायदा पहुंचाने की बजाय संविदा कर्मचारियों को सम्मानजनक वेतन दिया जाए। उप मुख्यमंत्री का आश्वासन मिलने के बाद संविदा कर्मचारी शांत हुए। प्रदर्शन में डॉ. स्वप्निल, योगेश पांडेय, आकांक्षा पाल, हरिओम द्विवेदी व विपिन शुक्ला आदि मौजूद रहे।