लखनऊ, 25 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा के मामले को लेकर सोमवार को यहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मौन धरना देकर घटना की न्यायिक जांच की मांग की।
संभल की जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर रविवार को किये जा रहे सर्वेक्षण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे। इस दौरान हिंसा, गोलीबारी और पथराव में चार लोगों की मौत हो गयी जबकि पुलिसकर्मियों समेत कई अन्य लोग घायल हो गए।
संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बताया कि हिंसा में घायल हुए दारोगा दीपक राठी ने 800 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इनमें सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल को नामजद किया गया है।
जिला प्रशासन ने पहले ही निषेधाज्ञा लागू कर दी है और 30 नवंबर तक जिले में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
उप्र कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में राज्य सरकार पर पक्षपात पूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाते हुए कहा, “संभल में जो कुछ हो रहा है, वह निश्चित रूप से पूरे राज्य में सरकार द्वारा की जा रही नफरत की राजनीति का नतीजा है।”
राय ने कहा कि हिंसा मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाना चाहिए।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्य की राजधानी में पार्टी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन के दौरान अपनी बांह पर काली पट्टी बांधी हुई थी। राय ने कहा, “हमने आज मौन विरोध प्रदर्शन किया और जल्द ही कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए संभल जाएगा।”
भाषा आनन्द
प्रशांत
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