Holika Dahan Story | Image Source | IBC24
सहारनपुर: Holika Dahan Story: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में स्थित बरसी गांव एक अद्भुत धार्मिक मान्यता के लिए प्रसिद्ध है। इस गांव में पिछले 6000 सालों से होलिका दहन नहीं किया जाता है। इसके पीछे की कहानी बेहद रोचक और आस्था से भरी हुई है।
बरसी गांव में स्थित बाबा भोलेनाथ का मंदिर महाभारत काल का बताया जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण कौरवों के राजकुमार दुर्योधन ने रातों-रात करवाया था। जब अगले दिन पांडवों के भाई भीम ने इस मंदिर को देखा, तो उन्होंने अपनी गदा से इस मंदिर का मुख्य दरवाजा घुमा दिया। इसी कारण यह मंदिर पश्चिम मुखी है, जो कि अपने आप में अद्वितीय है। इस मंदिर में एक स्वयंभू शिवलिंग स्थित है, जिसे देखने के लिए महाशिवरात्रि और अन्य धार्मिक अवसरों पर पूरे भारत से श्रद्धालु पहुंचते हैं।
गांव के निवासियों का मानना है कि बाबा भोलेनाथ स्वयं इस मंदिर में विराजमान हैं और रात में विचरण करते हैं। उनका मानना है कि होलिका दहन के बाद जमीन गर्म हो जाती है, जिससे भगवान शिव के चरण जल सकते हैं। इस आस्था के चलते गांव के लोग हजारों वर्षों से अपने गांव में होलिका दहन नहीं करते हैं। होली पूजन के लिए वे नजदीक के किसी अन्य गांव में जाकर पूजा करते हैं।
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मान्यता है कि जब भगवान श्रीकृष्ण महाभारत काल में इस गांव में आए थे, तो यहां की सुंदरता को देखकर उन्होंने इसकी तुलना अपने गृहनगर ‘बृज’ से की थी। तभी से इस गांव का नाम ‘बरसी’ पड़ गया। गांव के निवासी इस परंपरा को बड़े सम्मान के साथ निभाते आ रहे हैं और इसे भविष्य में भी जारी रखने का संकल्प रखते हैं।