सनातन और संतों के काम में आने वाली बाधाओं को संघ के स्वयंसेवक डंडा लेकर दूर करेंगे : मोहन भागवत

सनातन और संतों के काम में आने वाली बाधाओं को संघ के स्वयंसेवक डंडा लेकर दूर करेंगे : मोहन भागवत

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  • Publish Date - November 7, 2024 / 04:48 PM IST,
    Updated On - November 7, 2024 / 04:48 PM IST

बांदा (उप्र), सात नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि सनातन और संतों के काम में आने वाली बाधाओं को संघ के स्वयंसेवक ‘डंडा’ लेकर दूर करेंगे।

संघ प्रमुख ने बुधवार को चित्रकूट के हनुमान मंदिर परिसर में आयोजित युग तुलसी पंडित रामकिंकर उपाध्याय के जन्मशताब्दी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ”कुछ लोग उभरते भारत को दबाने की कोशिश रहे हैं। यह सत्य भारत है, जो कभी दबता नहीं है। यह हर संकट से उबर कर आगे बढ़ता रहेगा। सनातन और संतों के काम में आने वाली बाधाओं को संघ के स्वयंसेवक डंडा लेकर दूर करेंगे।”

भागवत ने देश की वर्तमान स्थिति को लेकर ‘देश विरोधी ताकतों’ पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कठोर परिश्रम के बाद देश का निर्माण हुआ है।

उन्होंने कहा, “विश्व में चल रहे युद्ध में धर्म की ही जीत होगी। धर्म और सत्य की ताकत के आगे अधर्म को हार का सामना करना पड़ेगा। हर हिंदू के लिए आगे बढ़ने के लिए रामायण और महाभारत प्रेरणा है। हर हिंदू देश निर्माण में अपना धर्म निभाए।”

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि तमाम ताकतें अयोध्या में राम मंदिर बनने में अड़ंगा लगा रही थीं, लेकिन भगवान की ताकत के आगे किसी की नहीं चली और साढ़े पांच सौ साल बाद आखिरकार सत्य और धर्म की जीत हुई।

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार संघ को भी शुरुआत के दिनों में खाने-पीने, रहने और बैठक को लेकर कठिन संघर्ष करना पड़ा लेकिन आज स्थिति बदल गई है।

भागवत ने कहा कि ’सनातन धर्म विरोधी’ देशों के खिलाफ भारत एकजुट होकर संघर्ष कर जीत की ओर बढ़ता रहेगा तथा भारत सबको जोड़ने वाला देश है।

संघ प्रमुख ने कहा, ”नई उम्मीद और विकसित राष्ट्र बनाने के लिए एकजुट हो जाएं। किसी से डरने या अन्याय सहने की जरूरत नहीं है। विश्व में हमेशा धर्म व अधर्म रहा है। धर्म के पक्ष में ही खड़े रहना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि जब पूरा समाज तैयार होता है, तब भगवान की कृपा रूपी अंगुली उठती है।

भागवत ने कहा, “ ऋषि और मुनियों के कठोर परिश्रम से राष्ट्र की नींव रखी गई है। अलग-अलग रंग रूप होते हुए भी मूलरूप से हम सभी एक हैं। भारत विश्व में सबसे सुरक्षित और समृद्ध राष्ट्र है।”

भाषा सं. सलीम नोमान

नोमान