टीबी मुक्त उत्तर प्रदेश का सपना साकार करेंगे सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस और पूर्व कुलपति

टीबी मुक्त उत्तर प्रदेश का सपना साकार करेंगे सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस और पूर्व कुलपति

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  • Publish Date - January 2, 2025 / 01:37 PM IST,
    Updated On - January 2, 2025 / 01:37 PM IST

लखनऊ, दो जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘टीबी मुक्त भारत’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब सेवानिवृत्त हो चुके आईएएस, आईपीएस अधिकारियों पूर्व कुलपतियों, शिक्षाविदों तथा अन्य वरिष्ठ नागरिकों को ‘नि:क्षय मित्र’ बनने की बड़ी जिम्मेदारी दी है।

‘नि:क्षय मित्र’ के रूप में यह वरिष्ठ नागरिक ‘टीबी उन्मूलन’ के प्रयासों में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए सहयोग करेंगे। बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री ने इस संबंध में सभी के साथ बैठक की और टीबी मुक्त उत्तर प्रदेश अभियान को सफल बनाने के लिए सहयोग का आह्वान किया।

एक बयान के मुताबिक, विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों, आईपीएस अधिकारयों और पूर्व कुलपतियों का स्वागत करते हुए उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के ‘टीबी मुक्त भारत’ के संकल्प के बारे में जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2030 तक विश्व को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा था, जिसे मिशन मोड में लेते हुए प्रधानमंत्री ने भारत के लिए वर्ष 2025 तक का लक्ष्य रखा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व में सबसे अधिक टीबी रोगी भारत में हैं और देश को टीबी मुक्त करने के लिए सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में टीबी उन्मूलन अनिवार्य है। मुख्यमंत्री ने टीबी उन्मूलन की दिशा में पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश में हुए प्रयासों की भी जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में टीबी रोगियों की जांच पहले के मुकाबले चार गुना हो गयी है तथा संसाधन भी बढ़े हैं। उनके अनुसार, तमाम उपायों के चलते प्रदेश में टीबी उपचार की सफलता दर पिछले चार वर्षों में 79 प्रतिशत से बढ़कर 92 प्रतिशत हो गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि निःक्षय पोषण योजना के अन्तर्गत डीबीटी के माध्यम से लगभग 27 लाख टीबी रोगियों के खाते में 775 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान हो चुका है।

टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में जनभागीदारी के महत्व पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अब तक 45 हजार से अधिक निःक्षय मित्रों ने टीबी रोगियों को गोद लिया है और प्रदेश की 1372 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने सभी से सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि यह सबका साझा दायित्व है कि कोई भी टीबी रोगी छूटने न पाये, उनको तत्काल सही और निरंतर चिकित्सा उपचार, अतिरिक्त पोषण उपलब्ध कराया जाए और कोई न कोई निःक्षय मित्र उनसे जुड़कर उनका सहारा बने। इसके साथ ही उनके परिवार के सदस्यों की भी जांच कराकर उचित चिकित्सा परामर्श एवं उपचार उपलब्ध कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि टीबी उन्मूलन अभियान का मुख्य उद्देश्य टीबी के लापता रोगियों को खोजना, टीबी से मृत्यु दर को कम करना एवं स्वस्थ व्यक्तियों को टीबी के संक्रमण से बचाना है।

भाषा जफर नरेश मनीषा

मनीषा