शाहजहांपुर (उप्र), 20 सितंबर (भाषा) देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा कि रामचंद्र मिशन आश्रम तीर्थ स्थल के समान है।
पूर्व राष्ट्रपति आज रामचंद्र मिशन आश्रम पहुंचे। इस दौरान उन्होंने वहां अभ्यासी लोगों से मुलाकात की। कोविंद ने अभ्यासियों को बताया कि आश्रम के संस्थापक रामचंद्र महाराज (बाबूजी) रुपये का इस्तेमाल बहुत ही सोच समझकर करते थे।
उन्होंने अभ्यासियों को बताया कि आश्रम का यह स्थान किसी तीर्थ स्थल के समान है तथा शाहजहांपुर के लोगों के लिए ‘बाबूजी’ की महिमा महत्वपूर्ण है।
आश्रम के साधक सुयश सिन्हा ने बताया कि रामचंद्र महाराज बाबूजी के जीवन का लक्ष्य इस ध्यान केंद्र को आगे बढ़ाना था। महराज का जन्म 30 अप्रैल 1899 को शाहजहांपुर में हुआ और 1945 में उन्होंने रामचंद्र मिशन आश्रम की यहां स्थापना की।
सिन्हा ने बताया कि वर्ष 1972 में उन्होंने भारत के बाहर के देशों में सहज मार्ग साधना पद्धति का प्रचार शुरू किया और आज 165 देशों में इसकी शाखाएं काम कर रही हैं।
रामचंद्र मिशन आश्रम के संस्थापक रामचंद्र महाराज ‘बाबूजी’ का 1983 में 83 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। इस आश्रम में आज पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बाबूजी की समाधि पर पुष्प अर्पित किए तथा साधना कक्ष में बैठकर कुछ मिनट तक अभ्यास भी किया।
इसके बाद वह आश्रम के संस्थापक रामचंद्र महाराज के आवास पर गए। इस दौरान प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उनके साथ मौजूद रहे।
भाषा सं आनन्द
संतोष
संतोष
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