रामभद्राचार्य ने कृष्ण जन्मस्थान पर मंदिर बनने के बाद ही बांकेबिहारी के दर्शन का संकल्प व्यक्त किया

रामभद्राचार्य ने कृष्ण जन्मस्थान पर मंदिर बनने के बाद ही बांकेबिहारी के दर्शन का संकल्प व्यक्त किया

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  • Publish Date - March 13, 2025 / 07:55 PM IST,
    Updated On - March 13, 2025 / 07:55 PM IST

मथुरा (उप्र), 13 मार्च (भाषा) चित्रकूट स्थित तुलसी पीठाधीश्वर संत रामभद्राचार्य महाराज ने संकल्प व्यक्त किया कि जब तक मथुरा में शाही ईदगाह को हटाकर मूल गर्भगृह पर भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर नहीं बन जाता तब तक वह ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन नहीं करेंगे।

यह जानकारी उनसे मिलने पहुंचे श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने एक बयान में दी है।

सिंह ने कहा कि रामभद्राचार्य ने उन्हें यह भी भरोसा दिलाया है कि वह राम जन्मभूमि-बाबरी ढांचा विवाद मामले में दी गई गवाही के समान ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में भी न्यायालय में उपस्थित होकर अपनी गवाही देने उच्च न्यायालय अवश्य पहुंचेंगे।

उन्होंने बताया कि रामभद्राचार्य ने कहा कि मथुरा में जब तक भगवान श्रीकृष्ण के मूल गर्भगृह को मुक्त कराकर वहां भगवान श्रीकृष्ण के भव्य मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता तब तक वह ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन नहीं करेंगे।

चित्रकूट के तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य इन दोनों वृन्दावन स्थित सुखधाम आश्रम में रामकथा वाचन कर रहे हैं। वहीं, बरसाना के संत पंडित बाबा, अक्षयपात्र के संत अनंतवीर दास और रामकथा आयोजक पीपापीठाधीश्वर बलराम बाबा की उपस्थिति में बुधवार को श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने उनसे मुलाकात की और श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर चर्चा भी की।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने इस मुलाकात की जानकारी देते हुए बताया कि स्वामी रामभद्राचार्य ने राम मंदिर के मुकदमे में अदालत में गवाही दी थी जिसमें उन्होंने वेद पुराणों का हवाला देते हुए राम मंदिर से संबंधित तमाम जानकारियों का खुलासा किया था।

सिंह ने बताया कि कृष्ण जन्मस्थान पर मंदिर बनाने के लिए देश-विदेश में आंदोलन भी चलाया जा रहा है और हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से देशभर में धर्म जागरण का कार्य भी किया जा रहा है।

भाषा सं. सलीम खारी

खारी