रायपुर सम्मेलन में किया जाएगा जल जीवन मिशन परियोजनाओं में सौर ऊर्जा के उपयोग का प्रदर्शन

रायपुर सम्मेलन में किया जाएगा जल जीवन मिशन परियोजनाओं में सौर ऊर्जा के उपयोग का प्रदर्शन

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  • Publish Date - November 21, 2024 / 11:04 AM IST,
    Updated On - November 21, 2024 / 11:04 AM IST

लखनऊ, 21 नवंबर (भाषा) केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के रायपुर में बृहस्पतिवार से आयोजित किए जा रहे क्षेत्रीय सम्मेलन में उत्तर प्रदेश सरकार जल जीवन मिशन (जेजेएम) परियोजनाओं में सौर ऊर्जा के अभिनव उपयोग को प्रदर्शित करेगी।

राज्य सरकार ने एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश में 80 प्रतिशत से अधिक जेजेएम परियोजनाएं सौर ऊर्जा से संचालित हो रही है जिसने परियोजना लागत और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद की है।

इसमें कहा गया, ‘‘राज्य के सौर उपयोग को अन्य राज्यों द्वारा भी अपनाये जाने की उम्मीद की जा रही है। रायपुर में हो रहे सम्मेलन में अन्य राज्य भी वरिष्ठ नौकरशाहों को उत्तर प्रदेश के मॉडल का अध्ययन करने के लिए भेज रहे हैं।’’

सरकार ने कहा कि सम्मेलन में भाग लेने वाले अन्य राज्यों के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी इस बात की जानकारी हासिल करेंगे कि उत्तर प्रदेश ने अपने जल जीवन मिशन परियोजनाओं में सौर ऊर्जा का कैसे उपयोग किया।

सम्मेलन में नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव इस विषय पर ‘नवाचार राज्य’ के तहत एक प्रस्तुति देंगे जिसमें इस बात पर प्रकाश डाला जाएगा कि किस तरह उत्तर प्रदेश में जल योजनाओं में सौर ऊर्जा के सफल क्रियान्वयन ने परियोजनाओं को कम लागत पर लंबे समय तक संचालित करने में सक्षम बनाया है।

केंद्र सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ने उत्तर प्रदेश की पहल को इस क्षेत्र में सुशासन के मॉडल के रूप में चुना है क्योंकि उत्तर प्रदेश में 80 फीसदी जल जीवन मिशन परियोजनाएं सौर ऊर्जा से संचालित हैं, जिससे उत्तर प्रदेश इतने बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा को अपनाने वाला पहला राज्य बन गया है।

राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन के कार्यकारी निदेशक ब्रजराज सिंह ने कहा, ‘‘जल जीवन मिशन योजनाओं में अपनी प्रमुख सौर ऊर्जा पहल को साझा करना उत्तर प्रदेश के लिए गर्व का क्षण है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण पर काम करते हुए हमने कार्बन उत्सर्जन को कम करने में बड़ी सफलता हासिल की है।’’

भाषा सलीम

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