(तस्वीरों के साथ)
लखनऊ, पांच नवंबर (भाषा) लोकसभा में विपक्ष के नेता (कांग्रेस सांसद) राहुल गांधी मंगलवार को एक दिवसीय दौरे पर अपने निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली पहुंचे। इस दौरान उन्होंने दिशा बैठक में हिस्सा लेने के साथ-साथ कई कार्यक्रमों में भाग लिया।
राहुल चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे पर उतरने के बाद सड़क मार्ग से अपने निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली के लिए रवाना हो गए।
कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक राहुल ने सबसे पहले जिले की सीमा चुरुवा पर स्थित मंदिर में पहुंचकर हनुमान जी की पूजा की। उसके बाद उन्होंने वहां मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। वहां से रवाना होने के बाद उनका काफिला बछरावां में भी कुछ समय के लिये रुका। इस दौरान उन्होंने जनता और कार्यकर्ताओं का अभिवादन स्वीकार किया।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक राहुल हरचंदपुर और गंगागंज होते हुए शहर स्थित डिग्री कालेज चौराहे पर पहुंचे और नगर निगम द्वारा कराये गये उसके सौंदर्यीकरण कार्य का उद्घाटन किया। उसके बाद वह कलेक्ट्रेट स्थित बचत भवन पहुंचे, जहां उन्होंने ‘दिशा बैठक’ की अध्यक्षता की। अधिकारियों के साथ हुई इस बैठक के दौरान केन्द्रीय योजनाओं की समीक्षा करके जिले के विकास की विभिन्न योजनाओं पर चर्चा की गयी।
बैठक खत्म होने के बाद राहुल लखनऊ रवाना हो गये। इससे पहले, उन्होंने पीएमजीएसवाई (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना) की सड़कों का शिलान्यास भी किया।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार संसद सदस्यों, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय सरकारों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए दिशा बैठकों की शुरुआत की गयी है।
बैठक के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दिनेश प्रताप सिंह ने संवाददाताओं को वे पोस्टर दिखाए जिनमें ‘रायबरेली के राहुल जी’ लिखा हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘ रायबरेली के लोगों ने राहुल गांधी को सांसद चुना है। छह माह हो गये हैं लेकिन लोगों की समस्याएं सुनने के लिये आज तक वह कभी एक रात भी रायबरेली में नहीं रुके। इससे स्पष्ट होता है कि रायबरेली से राहुल का कोई रिश्ता नहीं है।”
राहुल की मां सोनिया गांधी लगातार पांच बार रायबरेली से सांसद रह चुकी हैं। इस बार उनके लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने के फैसले के बाद राहुल इस सीट से चुनाव मैदान में उतरे और बड़े अंतर से विजयी हुए।
पहले अमेठी और वायनाड (केरल) से सांसद रह चुके राहुल का रायबरेली से सांसद के रूप में यह पहला कार्यकाल है। हालांकि अपनी मां के लंबे समय से प्रतिनिधित्व के कारण वह पिछले कुछ वर्षों में अक्सर इस क्षेत्र का दौरा करते रहे हैं।
भाषा सलीम सं. नरेश राजकुमार
राजकुमार