लखनऊ, चार दिसंबर (भाषा) बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को निशाना बनाकर किये जा रहे हमलों के खिलाफ उत्तर प्रदेश के बदायूं, बरेली, देवरिया और पीलीभीत जैसे विभिन्न जिलों में हिंदू संगठनों ने बुधवार को विरोध-प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए राष्ट्रपति के नाम स्थानीय अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे।
अलीगढ़, अयोध्या, बांदा, चित्रकूट और एटा में मंगलवार को इस तरह के विरोध प्रदर्शन किए गए थे।
बदायूं में बुधवार को ‘मानवाधिकार जागरूकता मंच’ के बैनर तले हिंदू संगठनों ने बदायूं क्लब में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया और बांग्लादेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार खत्म करने की मांग करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा।
महामंडलेश्वर प्रकाशानंद महाराज ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, “अगर यह हिंसा नहीं रुकती तो संत समुदाय हथियार उठाएगा। हम धर्म की रक्षा के लिए कदम उठाने को तैयार हैं, भले ही इसका अर्थ सही कार्य के लिए हिंसा पर उतारू होना हो।”
हाथरस में भारत हिंदू चेतना मंच के बैनर तले प्रदर्शनकारी दौजी मेला पंडाल में एकत्र हुए, जहां लोगों ने केंद्र सरकार से बांग्लादेश में हिंदुओं के ‘नरसंहार’ को रोकने के लिए निर्णायक कदम उठाने की मांग की।
प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में ‘हिंदू मंदिरों की रक्षा’ और ‘हमें न्याय चाहिए’ जैसे संदेश लिखी तख्तियां प्रदर्शित की और चेतावनी दी कि अगर हिंसा जारी रही तो हिंदू समुदाय मानव श्रृंखला बनाकर बांग्लादेश की ओर मार्च कर सकता है।
वहीं देवरिया में हिंदू रक्षा संघर्ष समिति ने टाउन हाल में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें भाजपा के पदाधिकारी, आरएसएस के सदस्य और स्थानीय लोग शामिल हुए।
लोग भगवा झंडा लेकर कलेक्ट्रेट तक गए और बांग्लादेशी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
आरएसएस के गोरक्ष प्रांत के प्रचारक रमेश ने कहा कि बांग्लादेश बनने के पीछ भारत था और वही भारत, बांग्लादेश को बर्बाद करने को मजबूर ना हो जाए। पीलीभीत में भी विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसमें बरखेड़ा विधायक स्वामी प्रवक्तानंद शामिल हुए।
वहीं बरेली में हजारों लोग बरेली कॉलेज ग्राउंड में एकत्रित हुए और बांग्लादेश के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की मांग की।
प्रदर्शनकारियों ने मंदिरों को तोड़े जाने, महिलाओं के साथ यौन हिंसा और संतों पर हमले की खबरों पर चिंता व्यक्त करते हुए कार्रवाई की मांग की।
लोगों ने बांग्लादेश में कथित तौर पर हिरासत में लिए गए स्वामी चिन्मयानंद दास को रिहा किए जाने की भी मांग की।
भाषा सं राजेंद्र जितेंद्र
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