लखनऊ, 27 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि बुलन्दशहर और संभल में प्रस्तावित कलेक्ट्रेट (जिलाधिकारी) कार्यालयों को इंटीग्रेटेड कॉम्प्लेक्स के रूप में ही विकसित किया जाए।
शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार राजस्व विभाग में चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर और वाराणसी में प्रशासनिक कार्यालयों के लिए इंटीग्रेटेड कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया जा रहा है, ऐसे ही सभी जिलों में किया जाना चाहिए। इससे एक ही परिसर में सभी प्रमुख अधिकारी उपलब्ध होंगे और आम आदमी को भाग-दौड़ नहीं करनी होगी।
उन्होंने निर्देश दिए कि बुलन्दशहर और संभल में प्रस्तावित कलेक्ट्रेट कार्यालयों को इंटीग्रेटेड कॉम्प्लेक्स के रूप में ही विकसित किया जाए।
निर्माणाधीन परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कार्य की गुणवत्ता पर जोर देते हुए कहा कि निर्माण से जुड़ी पीडब्ल्यूडी तथा कार्यदायी संस्थाओं में विशेषज्ञ इंजीनियरों का अभाव है। उचित होगा कि सेवानिवृत्त अनुभवी अथवा प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों के दक्ष पेशेवरों की सेवाएं ली जाएं। विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं को अपने कामकाज को ‘प्रोफेशनल’ बनाने की जरूरत बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी को शासन स्तर से हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि गोरखपुर कलेक्ट्रेट भवन का शीघ्र निर्माण स्थानीय आवश्यकता के दृष्टिगत महत्वपूर्ण है, इसे बिना विलंब प्रारंभ करा दिया जाए। वहीं, लखनऊ में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भवन को प्रत्येक दशा में अगले दो माह में पूरा कराने के भी निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री ने सुल्तानपुर की नवसृजित तहसील बल्दीराय, मथुरा के गोवर्धन, लखीमपुर की निघासन, गोला गोकर्णनाथ व धौरहरा तहसीलों के आवासीय भवनों के निर्माण कार्यों के पूरा होने के बाद इसके भौतिक सत्यापन के निर्देश दिए। औरैया जिलाधिकारी आवास और औरैया में तहसील कर्मियों के लिए आवास निर्माण कार्य को तेज करने की जरूरत बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना प्रारम्भ होने के साथ ही उसके पूर्ण होने की तिथि भी तय कर दी जाए और उसका अनुपालन भी सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने राज्य में चल रहे अन्य निर्माण कार्यों के लिए भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि राजस्व विभाग के अंतर्गत एक करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली 72 परियोजनाएं संचालित हैं। इनकी कुल लागत 904.56 करोड़ रुपये है। इनमें 35 परियोजनाएं ऐसी हैं, जिनकी प्रगति 75 प्रतिशत से 100 प्रतिशत के लगभग है। प्रमुख परियोजनाओं में एक मंडलायुक्त कार्यालय भवन और एक मंडलायुक्त आवास, सात कलेक्ट्रेट कार्यालय, तीन जिलाधिकारी आवास, 20 तहसील कार्यालय भवन, 26 तहसील आवास भवन शामिल हैं।
भाषा
आनन्द, रवि कांत रवि कांत