प्रयागराज का महाकुंभ स्वच्छता के मामले में नए मानक स्थापित करेगा: योगी आदित्यनाथ

प्रयागराज का महाकुंभ स्वच्छता के मामले में नए मानक स्थापित करेगा: योगी आदित्यनाथ

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  • Publish Date - November 26, 2024 / 04:46 PM IST,
    Updated On - November 26, 2024 / 04:46 PM IST

लखनऊ, 26 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अगले वर्ष जनवरी में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों को लेकर सरकार के प्रयासों की चर्चा करते हुए मंगलवार को कहा कि महाकुंभ न केवल स्वच्छता के मामले में नए मानक स्थापित करेगा बल्कि ‘डिजिटल कुंभ’ की शुरुआत कर प्रौद्योगिकी को भी अपनाएगा।

प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होने वाले महाकुंभ के लिए सरकार व्यापक तैयारियों में जुटी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को यहां एक मीडिया समूह के ‘संवाद कार्यक्रम’ में शामिल हुए और उन्होंने सभी को संविधान दिवस की बधाई देते कहा कि भारत का संविधान जिन तीन स्तंभों पर स्थित है, उसका आधार ही संवाद है।

योगी ने विश्वास जताया कि महाकुंभ विरासत, विकास व भारत की सनातन धर्म की परंपरा को नई पहचान देने का नया अभियान होगा।

उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन इस बार 45 दिन का होगा, जिसमें 35 से 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।

योगी ने बताया कि महाकुंभ को सफल बनाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार मिलकर कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा कि 2019 में हुए कुंभ में 23 से 24 करोड़ श्रद्धालु आए थे लेकिन इस बार 45 दिन में 35 से 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।

योगी ने सरकारी प्रयासों की चर्चा करते हुए बताया कि कुंभ के क्षेत्रफल में भी विस्तार किया गया है।

उन्होंने कहा कि 2019 में कुंभ का क्षेत्रफल 3200 हेक्टेयर था जबकि 2025 में महाकुंभ का क्षेत्रफल 4000 हेक्टेयर होगा।

योगी ने बताया कि इस क्षेत्रफल को 25 सेक्टर में विभाजित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार संगम तट तक पहुंचने के लिए डेढ़ से दो किलोमीटर से अधिक की यात्रा न करनी पड़े इसके लिए इंतजाम कर रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने अलग-अलग मार्ग पर 1850 हेक्टेयर से अधिक में पार्किंग स्थल चिन्हित किया है और यह स्थल संगम तट से दो से पांच किलोमीटर के दायरे में होंगे।

योगी ने सफाई पर जोर देते हुए कहा कि महाकुंभ के क्षेत्र में डेढ़ लाख शौचालय बनाए जा रहे हैं।

भाषा आनन्द जितेंद्र

जितेंद्र