महाकुंभ नगरः Prayagraj Mahakumbh Stampede Update : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मौनी आमवस्या पर बुधवार को अमृत स्नान के दौरान भगदड़ मच गई। इसमें 15 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है। कुछ को बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया जा रहा है। भगदड़ के बाद प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने आज मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया है। पीएम मोदी ने तीसरी बार सीएम योगी से फोन पर बात की और मौजूदा हालातों की जानकारी ली है। अब इस मामले में नगिना से सांसद चन्द्रशेखर आज़ाद से ट्वीट सामने आया है।
सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि मैंने सोचा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, जो लंबे समय तक धार्मिक कार्यों से जुड़े रहे, कम से कम धार्मिक आयोजनों को सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न करवा पाएंगे। लेकिन यहां भी निराशा ही हाथ लगी। योगी सरकार ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया, जिससे यह भीषण त्रासदी हुई।
प्रयागराज कुंभ मेले में भगदड़ से 17 तीर्थयात्रियों की मौत और सैकड़ों के घायल होने की खबर दर्दनाक और क्रोधित करने वाली है। शोकाकुल परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं, उन्हें ये असीम दुख सहने की शक्ति प्राप्त होने व घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रकृति से प्रार्थना करता हूँ।
यह हादसा सरकार की घोर लापरवाही, अक्षम प्रशासन और कुप्रबंधन का प्रत्यक्ष प्रमाण है। सरकार का ध्यान तीर्थयात्रियों की सुविधा व सुरक्षा पर कम और प्रचार व दिखावे पर अधिक था, जिसका खामियाजा निर्दोष लोगों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा।
यह केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि सरकारी विफलता का घिनौना उदाहरण है। इतने बड़े धार्मिक आयोजन में इस स्तर की अव्यवस्था और अराजकता साबित करती है कि
सरकार की प्राथमिकता केवल इवेंट मैनेजमेंट और फोटोशूट तक सीमित रह गई है।
इतना ही नहीं, यहाँ अस्पतालों की बदहाली भी कम शर्मनाक नहीं है। ना बेड, ना कोई सुविधा, संसाधनों की भारी कमी और घायलों को उचित इलाज की दिक्कत यह साबित करती है कि सरकार की प्राथमिकता कभी भी लोगों की भलाई नहीं रही। आज भी, घायल यात्रियों को न तो समय पर चिकित्सा मिल रही है, न ही समुचित इलाज। इस सरकारी नाकामी ने यात्रियों के जीवन को संकट में डाल दिया है।
मैं योगी सरकार से तत्काल निम्नलिखित ठोस कदम उठाने की माँग करता हूँ:
1. घायलों के लिए सर्वोत्तम चिकित्सा उपलब्ध करवाई जाए और सभी का निशुल्क इलाज हो।
2. मृतकों के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए।
3. घटना के ज़िम्मेदार अधिकारियों और प्रशासनिक तंत्र पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
4. भविष्य में ऐसे आयोजनों में आपदा प्रबंधन और सुरक्षा के कड़े उपाय सुनिश्चित किए जाएं।
इस त्रासदी ने योगी सरकार के खोखले दावों की पोल खोल दी है। धार्मिक आयोजनों को राजनीतिक मंच बनाना और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ करना अक्षम्य अपराध है। अगर सरकार अपनी ज़िम्मेदारी निभाने में असमर्थ है, तो उसे सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं।
मैंने सोचा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, जो लंबे समय तक धार्मिक कार्यों से जुड़े रहे, कम से कम धार्मिक आयोजनों को सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न करवा पाएंगे। लेकिन यहां भी निराशा ही हाथ लगी। योगी सरकार ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया, जिससे…
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) January 29, 2025
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