Mahakumbh 2025: कुंभ में नकली संतों को रोकने लगेगा ‘फर्जी बाबा स्कैनर’! अखाड़ा परिषद ने तैयार फर्जी संतों की लिस्ट

Mahakumbh 2025: ' रवींद्र पुरी महाराज ने साफ किया कि परिषद फर्जी बाबाओं के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरतेगा। उनकी मांग है कि ऐसे बाबाओं को न केवल महाकुंभ से दूर रखा जाए, बल्कि उन्हें किसी भी तरह की सुविधाएं भी न दी जाएं।

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  • Publish Date - October 9, 2024 / 11:44 PM IST,
    Updated On - October 9, 2024 / 11:46 PM IST

Prayagraj Mahakumbh 2025: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज ने कहा है कि महाकुंभ में जो लोग भी सनातन धर्म की छवि को नुकसान पहुंचा रहें हैं। ऐसे बाबाओं का प्रवेश से रोकने के लिए अखाड़ा परिषद सख्त कदम उठाएगी।

जितने भी फर्जी बाबा पहले जेल जा चुके हैं, अखाड़ा परिषद एक बैठक करके फर्जी बाबाओं की लिस्ट निकाल करके मेला प्राधिकरण को सौंपेगा। मेला प्रशासन से ऐसे फर्जी बाबाओं को मेले में न तो जगह दी जाएगी और न ही उन्हे कोई सुविधा दी जाएगी।

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अखाड़ा परिषद ने इस मामले पर विशेष बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया है। जहां फर्जी बाबाओं की सूची तैयार कर मेला प्राधिकरण को सौंपी जाएगी।

रवींद्र पुरी महाराज ने साफ किया कि परिषद फर्जी बाबाओं के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरतेगा। उनकी मांग है कि ऐसे बाबाओं को न केवल महाकुंभ से दूर रखा जाए, बल्कि उन्हें किसी भी तरह की सुविधाएं भी न दी जाएं।

यह पहली बार नहीं है जब अखाड़ा परिषद ने इस प्रकार का निर्णय लिया हो, 2019 के कुंभ में भी कुछ बाबाओं पर प्रतिबंध लगाया गया था, और इस बार भी अखाड़ा परिषद ने तय किया है कि जिन बाबाओं पर गम्भीर आरोप लगे हैं या जो जेल में बंद हैं, उन्हें भी मेले से दूर रखा जाएगा।

महाकुंभ एक पवित्र आयोजन

श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़े के महंत दुर्गादास ने अखाड़ा परिषद के इस निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि यह समय की मांग है। आजकल बाबा बनकर लोग दूसरों को गुमराह कर रहे हैं और सनातन धर्म की मूल शिक्षाओं को नजरअंदाज कर रहे हैं।

दुर्गादास का मानना है कि ऐसे फर्जी बाबाओं पर सिर्फ सामाजिक निंदा नहीं, बल्कि कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए। उन्होंने सरकार से अपील की है, इन बाबाओं के लिए दंड का प्रावधान बनाया जाए ताकि भविष्य में ऐसे लोग सनातन धर्म को नुकसान न पहुंचा सकें।

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महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु भी इस कदम का समर्थन कर रहे हैं। उनका कहना है कि महाकुंभ एक पवित्र आयोजन है और इसका उद्देश्य समाज और धर्म का कल्याण है। जो लोग इस उद्देश्य को दूषित कर रहे हैं, उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

अखाड़ा परिषद का यह कदम सिर्फ महाकुंभ की सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि सनातन धर्म की पवित्रता और उसके आदर्शों की रक्षा के लिए है।

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