उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के लिये राजनीतिक दलों ने चलाया घर-घर जनसम्पर्क अभियान

उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के लिये राजनीतिक दलों ने चलाया घर-घर जनसम्पर्क अभियान

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  • Publish Date - November 19, 2024 / 06:38 PM IST,
    Updated On - November 19, 2024 / 06:38 PM IST

लखनऊ, 19 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीट के लिए बुधवार को होने वाले उपचुनाव से कुछ घंटे पहले राजनीतिक दलों खासकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) और मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) ने बड़े पैमाने पर घर-घर जाकर संपर्क अभियान शुरू किया।

राज्य के नौ विधानसभा सीट के उपचुनाव में कुल 90 उम्मीदवार मैदान में हैं। गाजियाबाद में सबसे ज्यादा (14) उम्मीदवार तथा खैर (सुरक्षित) और सीसामऊ (कानपुर) में सबसे कम (पांच-पांच) प्रत्याशी मैदान में हैं।

रैलियों के जरिए विभिन्न पार्टियों का सार्वजनिक प्रचार सोमवार को आधिकारिक रूप से समाप्त हो गया, लेकिन उम्मीदवारों और उनके समर्थकों ने इसके बाद से घर-घर जाकर प्रचार अभियान शुरू किया है।

कानपुर के सीसामऊ से सपा उम्मीदवार नसीम सोलंकी ने कहा, ‘‘घर-घर जाकर प्रचार करने के अलावा हमने मुस्लिम महिलाओं को चुनाव से पहले अपनी इबादत में खुदा का आशीर्वाद पाने के लिए पवित्र कुरान पढ़ने के लिए आमंत्रित किया।’’

नसीम त्रिकोणीय मुकाबले में हैं। यहां उनका मुकाबला भाजपा के सुरेश अवस्थी और बसपा के वीरेंद्र कुमार से है। इन दोनों उम्मीदवारों ने भी घर-घर जाकर प्रचार किया।

अवस्थी के एक समर्थक ने कहा, ”हम मतदाताओं से अपनी सरकार के सुशासन के आधार पर भाजपा के पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं।

अलीगढ़-खैर मार्ग पर दवा की दुकान चलाने वाले भाजपा समर्थक सतेंद्र पाल सिंह ने कहा,‘‘महंगाई हमें परेशान नहीं करती। मोदी-योगी सरकारों के तहत अच्छी कानून व्यवस्था, नियमित बिजली आपूर्ति और नए राजमार्गों की व्यवस्था हुई है। हमें और क्या चाहिए?’’

स्थानीय पत्रकार आलोक कुमार सिंह ने कहा, ‘‘जाट-ब्राह्मण बहुल खैर विधानसभा क्षेत्र 1980 के दशक के आखिर तक लोकदल का गढ़ था। उसके बाद भाजपा ने इस क्षेत्र में पैठ बनाई।’’

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बार, तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खैर में दो बार उपचुनाव के सिलसिले में प्रचार किया।

पिछले एक सप्ताह में उत्तर प्रदेश के कई मंत्रियों ने भी चुनावी रैलियों को संबोधित किया। इसके विपरीत सपा का प्रचार पूरी तरह पार्टी मुखिया पर निर्भर था। खैर में सपा और कांग्रेस के बीच समन्वय की कमी भी साफ दिखी।

कांग्रेस की जिला इकाई के अध्यक्ष सोमवीर सिंह ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा था,‘‘चुनावी सभाओं के बारे में हमें जानकारी नहीं दी गई। यहां तक कि अखिलेश यादव जी के दौरे के दौरान भी मंच पर हमारे झंडे नहीं लगाए गए। फिर भी हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं।’’

मंगलवार को जिला प्रशासन ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर सिंह को बुलंदशहर जिला जेल से नैनी केन्द्रीय कारागार में स्थानांतरित कर दिया।तेजवीर सिंह पूर्व विधायक चौधरी मलखान सिंह की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।

तेजवीर सिंह की पुत्रवधू चारू कैन खैर से सपा की उम्मीदवार हैं।

मैनपुरी में सात उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। हालांकि मुख्य मुकाबला भाजपा के अनुजेश प्रताप सिंह और सपा के तेज प्रताप सिंह के बीच है।

गाजियाबाद में भी उम्मीदवारों ने घर-घर जाकर जनसंपर्क किया। मतदान केंद्र स्तर के अधिकारी पात्र मतदाताओं को मतदाता पर्ची बांटते देखे गए।

राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता भी घर-घर जाकर यह जांच करते नजर आये कि उनके पार्टी समर्थकों को मतदाता पर्ची मिली है या नहीं।

गाजियाबाद पुलिस ने यह सुनिश्चित करने के लिए होटलों और लॉज की तलाशी भी शुरू कर दी है कि मतदान से पहले विधानसभा क्षेत्र में कोई ‘बाहरी व्यक्ति’ की मौजूद नहीं हो।

पुलिस उपायुक्त (नगर) राजेश कुमार सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा,‘‘मतदाताओं को किसी भी तरह से धन या अन्य प्रलोभन देना चुनाव आचार संहिता के खिलाफ है और ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’’

अंबेडकर नगर का कटेहरी विधानसभा क्षेत्र किले में तब्दील हो गया है। पुलिस ने गांवों के रास्तों और संकरी गलियों समेत विधानसभा क्षेत्र में प्रवेश के सभी बिंदुओं पर ‘बैरिकेडिंग’ कर दी है। मंगलवार सुबह से ही दोपहिया समेत सभी वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है।

कटेहरी सीट के उपचुनाव में सपा के अंबेडकर नगर से सांसद लालजी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा और भाजपा के धर्मराज निषाद के बीच मुख्य मुकाबला है।

इस बीच, लालजी वर्मा ने प्रशासन पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए अपनी पुलिस सुरक्षा वापस कर दी। उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारी हमारे मतदाताओं, खासकर पिछड़ों और मुसलमानों को डराने का प्रयास कर रहे हैं। मुझे स्थानीय प्रशासन और पुलिस पर कोई भरोसा नहीं है, क्योंकि वे भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं।’’

प्रयागराज के फूलपुर विधानसभा क्षेत्र में सपा प्रत्याशी मोहम्मद मुजतबा सिद्दीकी अपने कार्यालय में मतदाताओं से बातचीत करते नजर आए।

उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए 20 नवंबर को मतदान है। इनमें अंबेडकर नगर की कटेहरी, मैनपुरी की करहल, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, गाजियाबाद, मिर्जापुर की मझवान, कानपुर नगर की सीसामऊ, अलीगढ़ की खैर, प्रयागराज की फूलपुर और मुरादाबाद की कुंदरकी सीट शामिल हैं। मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी।

प्रदेश की जिन नौ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं उनमें से सीसामऊ को छोड़कर बाकी सीट 2022 के चुनाव में उन पर चुने गये विधायकों के इसी साल लोकसभा चुनाव में सांसद निर्वाचित होने के बाद उनके विधानसभा से इस्तीफा देने के कारण खाली हुई हैं।

सीसामऊ सीट पर सपा विधायक इरफान सोलंकी को एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म किये जाने के चलते उपचुनाव हो रहा है।

साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सीसामऊ, कटेहरी, करहल और कुंदरकी सीट पर सपा ने जीत हासिल की थी जबकि भाजपा ने फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर सीट जीती थी। मीरापुर सीट राष्ट्रीय लोक दल के पास थी, जो अब भाजपा की सहयोगी है। कांग्रेस उपचुनाव नहीं लड़ रही है और ‘इंडिया’ गठबंधन की अपनी सहयोगी सपा का समर्थन कर रही है। बहुजन समाज पार्टी अपने बलबूते सभी नौ सीट पर चुनाव लड़ रही है।

असदउद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम ने गाजियाबाद, कुंदरकी और मीरापुर सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि चंद्रशेखर की आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने सीसामऊ को छोड़कर सभी सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं।

भाषा सं. सलीम राजेंद्र खारी राजकुमार

राजकुमार