लखनऊ : GBC Lucknow News : पीएम नरेंद्र मोदी सोमवार को लखनऊ में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी के साथ दिग्गज उद्योगपति, फॉर्च्यून ग्लोबल व इण्डिया 500 कंपनियां, विदेशी निवेशक भागीदार, राजदूत, उच्चायुक्त सहित 4000 प्रतिष्ठित अतिथि मौजूद रहेंगे।
लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के जरिए प्रदेश भर में 10 लाख करोड़ से ज्यादा की 14 हजार से अधिक परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे। इन परियोजनाओं से प्रदेश में 34 लाख रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। प्रधानमंत्री मोदी, सीएम योगी के साथ यहां आयोजित होने वाली प्रदर्शनी को भी देखेंगे और लोगों को संबोधित भी करेंगे। गौरतलब है कि बीते साल 10 से 12 फरवरी के बीच ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन हुआ था। अब उसके करीब एक वर्ष बाद ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन किया जा रहा है।
GBC Lucknow News : प्रदर्शनी स्थल पर 10 अलग-अलग पवेलियन बनाए गए हैं, जिनमें एआई पवेलियन, टेक्सटाइल, डाटा सेंटर व इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी, वेयरहाउस एंड लॉजिस्टिक्स, फिल्म सिटी, इन्वेस्ट यूपी, टॉप इन्वेस्टर्स, मेडिकल डिवाइसेज, ईवी एंड रिन्यूएबल एनर्जी और डिफेंस व एयरोस्पेस शामिल हैं।
आयोजन में स्टील के शिपिंग कंटेनर्स को बेस बनाकर जर्मन हैंगर बनाए गए हैं। साथ ही यहां राम जन्मभूमि मंदिर समेत डिफेंस के तमाम इक्विप्मेंट्स के 3डी रेप्लिका मॉडल्स को दर्शाया जाएगा। इसके साथ ही यीडा क्षेत्र में बनने जा रही फिल्म सिटी की भी पहली झलक यहां देखने को मिलेगी।
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GBC Lucknow News : जीबीसी के उद्घाटन के साथ ही भव्य प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा जिसमें 9 से ज्यादा विशेष सेक्टर्स को शोकेस किया जाएगा। इसमें एआई पवेलियन, टेक्सटाइल, लॉजिस्टिक्स एवं वेयरहाउसिंग, डिफेंस एवं एयरोस्पेस, डेटा सेंटर/इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी, ईवी एवं नवीकरणीय ऊर्जा, फिल्म सिटी, मेडिकल इक्विपमेंट व ओडीओपी प्रमुख हैं। साथ ही सेक्टोरल सेशंस का भी आयोजन होगा जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) व कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की वर्तमान स्थिति और भविष्य की रूपरेखा को दर्शाया जाएगा।
जीबीसी के जरिए प्रदेश में 10,23,537 करोड़ की 14,619 परियोजनाओं की शुरुआत होने जा रही है। इसके अंतर्गत सर्वाधिक 52 फीसदी निवेश परियोजनाओं की शुरुआत प्रदेश के पश्चिमांचल हिस्से में होगी। वहीं पूर्वांचल में 29 फीसदी, मध्यांचल में 14 फीसदी और बुंदेलखंड में 5 फीसदी निवेश परियोजनाओं को धरातल पर उतारा जाएगा।