UP Muslims Name Plate Case: मुस्लिम ‘नेमप्लेट’ विवाद पहुंचा सुप्रीम कोर्ट.. इस संगठन ने दी योगी के फैसले को चुनौती, 22 से शुरू होगी सुनवाई

योगी सरकार के इस फैसले से उत्तर प्रदेश की सियासत गरमा गई है। विपक्षी दल इसको लेकर सरकार पर हमले बोल रहे हैं और इस आदेश को सांप्रदायिक करार दे रहे हैं।

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  • Publish Date - July 21, 2024 / 04:31 PM IST,
    Updated On - July 21, 2024 / 04:31 PM IST

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के नेमप्लेट विवाद आखिरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच ही गया। योगी सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। सरकार के फैसले के खिलाफ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर यूपी सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग की है। 20 जुलाई को ही यह याचिका दाखिल की गई है।

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Petition in Supreme Court against Muslim ‘nameplate’ dispute

शिवभक्तों के आस्था का हवाला

दरअसल, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 22 जुलाई से शुरू हो रहे कांवड़ यात्रा को लेकर आदेश जारी किया है कि कांवड़ यात्रा के रूट में जितनी भी खाने-पीने की चीजों की दुकानें हैं उन दुकानों पर दुकान के मालिक और संचालक अपना नाम लिखेंगे। यूपी की योगी सरकार ने शिवभक्तों की आस्था का हवाला देकर इस आदेश का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद इसको लेकर विवाद छिड़ गया है।

Association for Protection of Civil Rights filed a petition

ये संगठन आया सामने

एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस फैसले को रद्द करने की मांग कर दी है। एनडीओ की तरफ से 20 जुलाई को ऑनलाइन सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दाखिल की गई है, जो सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया गया है। कल यानी 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच सुनवाई करेगी।

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Jamiat Ulema-e-Hind also expressed opposition

नफरत फ़ैलाने की कोशिश

बता दें कि योगी सरकार के इस फैसले से उत्तर प्रदेश की सियासत गरमा गई है। विपक्षी दल इसको लेकर सरकार पर हमले बोल रहे हैं और इस आदेश को सांप्रदायिक करार दे रहे हैं। उधर, मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने की बात कही है। जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने कहा है कि धर्म की आड़ में नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है। इसको लेकर दिल्ली में बड़ी बैठक बुलाई गई है।

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