गुलदस्ते के बजाय फल और लड्डू लाएं अफसरों से मिलने आने वाले लोग : राज्यपाल

गुलदस्ते के बजाय फल और लड्डू लाएं अफसरों से मिलने आने वाले लोग : राज्यपाल

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  • Publish Date - December 24, 2024 / 11:23 PM IST,
    Updated On - December 24, 2024 / 11:23 PM IST

लखनऊ, 24 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को कहा कि अधिकारियों से मिलने आने वाले लोगों को फूल और गुलदस्ते लाने की बजाय फल, पोषण पोटली, तिल और बाजरे के लड्डू लाने चाहिए और उन्हें टीबी रोगियों में वितरित किया जाना चाहिए।

राजभवन की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक राज्यपाल ने मंगलवार को शाहजहांपुर में विभिन्न विकास योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक की।

पटेल ने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कहा, ”अधिकारियों से मिलने आने वाले लोगों को फूल और गुलदस्ते लाने की बजाय फल, पोषण पोटली, तिल और बाजरे के लड्डू लाने चाहिए, जिन्हें टीबी (क्षय रोग) रोगियों में वितरित किया जाना चाहिए।”

उन्होंने टीबी रोगियों को अंगीकृत करने के लिए औद्योगिक क्षेत्र, संगठनों और बैंकरों को प्रेरित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

पटेल ने निर्देश दिये कि एक अप्रैल तक सभी स्कूल जाने वाले बच्चों का नामांकन सुनिश्चित किया जाए।

राज्यपाल ने स्वास्थ्य, शिक्षा और बाल विकास विभाग को अपने-अपने विभागों की प्रगति को आपस में साझा करते हुए आवश्यकतानुसार समन्वय से कार्य करने तथा संयुक्त रूप से एक ऐप विकसित कर योजनाओं की निगरानी करने के निर्देश दिए।

स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए राज्यपाल ने आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए।

उन्होंने गर्भवती महिलाओं के सरकारी और निजी अस्पतालों में प्रसव का डेटा एकत्र करने तथा घरों के बजाय अस्पतालों में प्रसव सुनिश्चित करने के प्रयास करने पर भी जोर दिया।

राज्यपाल ने मातृ एवं शिशु मृत्यु दर के आंकड़ों का विश्लेषण करने को कहा ताकि चिकित्सा सुविधाओं के बावजूद मृत्यु दर के कारणों का पता लगाया जा सके।

उन्होंने अधिकारियों को नौ से 14 वर्ष की बालिकाओं को कैंसर से बचने के लिए एचपीवी वैक्सीन लगाने के निर्देश दिए।

पटेल ने जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह द्वारा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की बालिकाओं को अपने आवास पर भोजन उपलब्ध कराने की पहल की सराहना की तथा इसे अन्य जिलों में भी लागू करने का सुझाव दिया।

भाषा सलीम नोमान

नोमान