गाजियाबाद, 18 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश में तीन नए निजी विश्वविद्यालय और विदेशी विश्वविद्यालय के परिसरों की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है। राज्य विधानसभा ने इस सिलसिले में विधेयक पारित किये हैं।
राज्य सरकार द्वारा जारी एक बयान के अनुसार इस पहल का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को देश में एक अग्रणी शैक्षणिक केंद्र के रूप में विकसित करना है।
प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उच्च शिक्षा क्षेत्र में किए जा रहे सुधारों से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही मंचों पर उत्तर प्रदेश की छवि को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘नए विश्वविद्यालयों और विदेशी परिसरों की स्थापना से छात्रों को अपने गृह राज्य में ही विश्व स्तरीय शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। उन्हें अब राज्य से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा अब सस्ती और आसानी से उपलब्ध होगी।’’
उपाध्याय ने बताया कि अब तक केवल उत्तर प्रदेश में पंजीकृत संस्थान ही राज्य के भीतर विश्वविद्यालय स्थापित कर सकते थे। उन्होंने कहा कि हालांकि, नए संशोधन विधेयक में अन्य राज्यों में पंजीकृत संस्थानों, कंपनियों और ट्रस्टों को उत्तर प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय खोलने की अनुमति दी गई है, जिनकी छवि और इतिहास अच्छा है।
उन्होंने कहा, ‘यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त विदेशी विश्वविद्यालय भी राज्य में परिसर स्थापित करने के लिए पात्र होंगे।’
उपाध्याय ने कहा कि हाल के सुधारों के तहत विद्या विश्वविद्यालय मेरठ, विवेक विश्वविद्यालय बिजनौर और चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, उन्नाव जैसे नए विश्वविद्यालय स्थापित किए जाने हैं।
उन्होंने कहा कि ये संस्थान न केवल छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करेंगे, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा देंगे और रोजगार के नए अवसर पैदा करेंगे।
भाषा सलीम आशीष
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