उपचुनाव: 30 प्रतिशत से अधिक उम्मीदवारों पर दर्ज हैं आपराधिक मामले, 48 प्रतिशत प्रत्याशी हैं करोड़पति

उपचुनाव: 30 प्रतिशत से अधिक उम्मीदवारों पर दर्ज हैं आपराधिक मामले, 48 प्रतिशत प्रत्याशी हैं करोड़पति

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  • Publish Date - November 19, 2024 / 10:26 PM IST,
    Updated On - November 19, 2024 / 10:26 PM IST

लखनऊ, 19 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश में बुधवार को होने वाले उपचुनाव में उतरे 30 प्रतिशत से ज्यादा उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं जबकि 48 फीसद प्रत्याशी करोड़पति हैं।

गैर सरकारी संगठन ‘यूपी इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर)’ ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।

उसने राज्य की नौ विधानसभा सीट के उपचुनाव में उतरे सभी 90 उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि, वित्तीय एवं शैक्षिक स्थिति तथा अन्य विवरणों के विश्लेषण के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है।

रिपोर्ट के मुताबिक 90 उम्मीदवारों में से 29 (32 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ ‘आपराधिक मामले’ दर्ज होने का अपने हलफनामों में खुलासा किया है। उनमें से 24 (27 प्रतिशत) के खिलाफ ‘गंभीर आपराधिक मामले’ दर्ज हैं। रिपोर्ट में 25 निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ-साथ क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दलों द्वारा समर्थित उम्मीदवार भी शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश की कटेहरी (अंबेडकर नगर), करहल (मैनपुरी), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मिर्जापुर), सीसामऊ (कानपुर शहर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद) विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को उपचुनाव है।

रिपोर्ट के अनुसार उम्मीदवारों की वित्तीय स्थिति को देखें तो 90 उम्मीदवारों में से 43 (48 प्रतिशत) करोड़पति हैं और हर उम्मीदवार की औसत संपत्ति 3.76 करोड़ रुपये है।

सबसे अमीर उम्मीदवार भाजपा की शुचिस्मिता मौर्य (मझवां) हैं जिनके नाम 50 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। इसके बाद सपा की सुम्बुल राना (मीरापुर) हैं। उनके पास 40 करोड़ रुपये से अधिक और सपा के सिंह राज जाटव (गाजियाबाद) के पास 28 करोड़ रुपये की सम्पत्ति है। सबसे गरीब तीन उम्मीदवार निर्दलीय हैं।

रिपोर्ट के अनुसार गाजियाबाद के रूपेश चंद्र के पास कुल 18,000 रुपये की संपत्ति है, जबकि फूलपुर से चुनाव लड़ रही रीता विश्वकर्मा और गायत्री के पास कुल 27,000 रुपये की जायदाद है।

शिक्षा के मामले में 33 (37 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता पांचवीं से 12वीं कक्षा के बीच घोषित की है, जबकि 49 (54 प्रतिशत) उम्मीदवार स्नातक या उससे ज्यादा शिक्षित हैं। पांच उम्मीदवारों ने खुद को केवल साक्षर और दो प्रत्याशियों ने खुद को निरक्षर घोषित किया है।

भाषा सलीम खारी राजकुमार

राजकुमार