लखनऊ, 18 जून (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि उस ‘नीट’ अभ्यर्थी ने जाली दस्तावेज प्रस्तुत किए थे, जिसने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) उसका परिणाम घोषित करने में विफल रही और उसकी ‘ओएमआर’ उत्तर-पुस्तिका फटी हुई पाई गई।
अदालत ने कहा कि एनटीए इस मामले में कानूनी कार्रवाई कर सकती है।
उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के निर्देश पर एनटीए ने छात्रा की मूल ‘ओएमआर’ उत्तर-पुस्तिका पेश की, जो सही-सलामत पाई गई। इसके बाद, अदालत ने यह टिप्पणी की।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की अवकाशकालीन पीठ ने छात्रा आयुषी पटेल की याचिका पर पारित किया।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए याचिका खारिज कर दी।
याचिका में मांग की गई थी कि याचिकाकर्ता की ओएमआर शीट का मूल्यांकन किया जाए, केंद्र सरकार को एनटीए के खिलाफ जांच का आदेश दिया जाए और मौजूदा याचिका के लंबित रहने तक काउंसलिंग रोकी जाए।
भाषा सं आनन्द सुभाष आशीष
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