उप्र विधान परिषद में पारित नहीं हो सका नजूल संपत्ति विधेयक |

उप्र विधान परिषद में पारित नहीं हो सका नजूल संपत्ति विधेयक

उप्र विधान परिषद में पारित नहीं हो सका नजूल संपत्ति विधेयक

:   Modified Date:  August 1, 2024 / 09:16 PM IST, Published Date : August 1, 2024/9:16 pm IST

लखनऊ, एक अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश विधानसभा से बुधवार को पारित किया गया उत्तर प्रदेश नजूल सम्पत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबन्ध और उपयोग) विधेयक को विधान परिषद की मंजूरी नहीं मिली और सत्ता पक्ष के प्रस्ताव पर ही इसे सदन की प्रवर समिति के पास भेज दिया गया।

परिषद में बृहस्पतिवार को भोजनावकाश की कार्यवाही के बाद नेता सदन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस विधेयक को सदन के पटल पर रखा। मगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने इसे प्रवर समिति के सुपुर्द करने का प्रस्ताव रख दिया।

उन्होंने कहा कि उनका प्रस्ताव है कि इस विधेयक को सदन की प्रवर समिति के सुपुर्द कर दिया जाए जो दो माह के अंदर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करे।

इसके बाद सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने इस विधेयक को प्रवर समिति के सुपुर्द किए जाने के प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित घोषित कर दिया।

राज्य विधान परिषद के 100 सदस्यीय सदन में भाजपा के 79 सदस्य हैं। ऐसे में इस विधेयक को पारित नहीं किया जाना खासा अहम माना जा रहा है।

विधानसभा में बुधवार को पारित किए जाने से पहले इस पर संशोधन के प्रस्ताव पर सत्ता पक्ष के कुछ विधायकों ने भी इसमें संशोधन की जरूरत बताई थी। हालांकि बाद में इसे ध्वनि मत से पारित घोषित कर दिया गया था।

इसके अलावा सदन में उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (द्वितीय संशोधन) विधेयक, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (तृतीय संशोधन) विधेयक, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (चतुर्थ संशोधन) विधेयक, उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक, उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक भी पेश किए गए जिन्हें ध्वनि मत से पारित घोषित कर दिया गया।

इसके अलावा उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र और अन्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण विधेयक, उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, उत्तर प्रदेश नोडल विनिधान रीजन विनिर्माण (निर्माण) क्षेत्र विधेयक, बोनस संदाय (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, कारखाना (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, उत्तर प्रदेश विनियोग (2024-2025 का अनुपूरक) विधेयक भी पेश किए गए जिन्हें ध्वनि मत से पारित कर दिया गया

उसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।

भाषा

सलीम, रवि कांत रवि कांत

 

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