मेरा सपना दुनिया में खाने की हर मेज पर भारत का कोई न कोई खाद्यान्न होना ही चाहिए : नरेन्‍द्र मोदी

मेरा सपना दुनिया में खाने की हर मेज पर भारत का कोई न कोई खाद्यान्न होना ही चाहिए : नरेन्‍द्र मोदी

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  • Publish Date - June 18, 2024 / 08:38 PM IST,
    Updated On - June 18, 2024 / 08:38 PM IST

वाराणसी (उप्र) 18 जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने मंगलवार को भारत के कृषि उत्पादों को वैश्विक स्‍तर पर बढ़ावा देने की बात करते हुए कहा कि उनका तो सपना है कि दुनिया में खाने की हर मेज पर भारत का कोई न कोई खाद्यान्न या ‘फूड प्रोडक्ट’ होना ही चाहिए।

यहां मिर्जामुराद के मेंहदीगंज में किसान सम्मान सम्मेलन मोदी ने कहा, ”हमें वैश्विक रूप से सोचना होगा, ग्लोबल मार्केट के बारे में सोचना होगा, हमें दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भर और कृषि निर्यात में अग्रणी बनना है।”

उन्‍होंने कहा, ”देखिए, बनारस का लंगड़ा आम, जौनपुर की मूली, गाजीपुर की भिंडी, ऐसे अनेक उत्‍पाद आज विदेशी बाजार में पहुंच रहे हैं।”

मोदी ने कहा, ” ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ और जिला स्‍तर पर ‘हब’ बनने से निर्यात बढ़ रहा है और उत्पादन भी ‘एक्सपोर्ट क्वालिटी’ का होने लगा है। अब हमें डिब्बाबंद खाद्य के वैश्विक बाजार में देश को नई ऊंचाई पर ले जाना है।”

इसी कड़ी में प्रधानमंत्री ने कहा, ”मेरा तो सपना है कि दुनिया में खाने की हर मेज पर भारत का कोई न कोई खाद्यान्न या ‘फूड प्रोडक्ट’ होना ही चाहिए।”

मोदी ने ‘पीएम किसान सम्मान निधि’ की चर्चा करते हुए कहा, ”अभी किसानों के खाते में पीएम किसान सम्मान निधि के 20 हजार करोड़ रुपये पहुंचे हैं। तीन करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने की तरफ बहुत बड़ा कदम उठाया गया है।”

उन्‍होंने कहा कि कृषि सखी के रूप में बहनों की नयी भूमिका उन्‍हें सम्‍मान और आय के नये साधन दोनों सुनिश्चित करेंगे।

उन्‍होंने पीएम किसान सम्मान निधि को दुनिया की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना बन जाने का दावा करते हुए कहा कि अभी तक सवा तीन लाख करोड़ रुपये देश भर के किसानों के खाते में जमा हो चुके हैं और यहां वाराणसी के किसानों के खाते में 700 करोड़ रुपये जमा हुए हैं।

मोदी ने कहा कि ”सही नीयत होती है, सेवा की भावना होती है तो ऐसे ही तेजी से किसान हित, जनहित का काम होता है। 21 वीं सदी में दुनिया को तीसरी बड़ी ताकत बनाने में कृषि की बड़ी भूमिका है।”

उन्‍होंने कहा, ”माताओं-बहनों के बिना खेती की कल्पना भी असंभव है, इसलिए अब खेती को नई दिशा देने में माताओं-बहनों की भूमिका का विस्तार किया जा रहा है। नमो ड्रोन दीदी की तरह ही कृषि सखी कार्यक्रम ऐसा ही एक प्रयास है।”

मोदी ने कहा, ”हमने आशा कार्यकर्ता के रूप में बहनों का काम देखा है। हमने बैंक सखियों के रूप में बहनों की भूमिका देखी है। अब हम कृषि सखी के रूप में खेती को नई ताकत मिलते हुए देखेंगे।”

उन्‍होंने कृषि कार्यों से होने वाले लाभ के सिलसिले वाराणसी में केंद्र एवं राज्‍य सरकार की ओर से किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की विस्तार से चर्चा की।

मोदी ने कहा कि बनास डेरी अगले एक डेढ़ साल में काशी के 16 हजार और पशुपालकों को अपने साथ जोड़ने जा रही है तथा पिछले साल सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का बोनस पशुपालकों के खाते में गया है।

उन्‍होंने कहा , ”बनारस में मछली पालकों की आय बढ़ाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। पीएम मत्स्य संपदा योजना से उनको समृद्ध कर रही है। चंदौली में 70 करोड़ की लागत आधुनिक मछली बाजार का निर्माण किया जा रहा है। इससे भी बनारस से मछली पालन से जुड़े किसानों को मदद मिलेगी।’’

भाषा आनन्द राजकुमार

राजकुमार