लखनऊ, 23 जुलाई (भाषा) उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न आपदाओं में हुई जनहानि एवं क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा देने में लापरवाही करने वाले आधा दर्जन से ज्यादा अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
उनमें पांच जिलों के ‘एडीएम एफआर’ को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गयी है, जबकि तीन ‘एसडीएम’ से स्पष्टीकरण मांगा गया है। बाढ़ संबंधी कार्यों में लापरवाही पर कानपुर देहात के आपदा विशेषज्ञ को निलंबित कर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने सभी लापरवाह अधिकारियों को दो दिनों में अपना स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिये हैं।
सरकारी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश है कि आपदा से हुई जनहानि का मुआवजा 24 घंटे के अंदर प्रदान किया जाए।
एक बयान के अनुसार राहत आयुक्त जी एस नवीन ने बताया कि आपदा से हुई जनहानि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप सर्वे कराकर 24 घंटे में मुआवजा दिया जा रहा है तथा इसमें लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा कि इसी क्रम में विभिन्न आपदाओं के दौरान हुई जनहानि और क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा देने में लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कार्रवाई की गयी है।
उन्होंने कहा कि बांदा, चित्रकूट, सिद्धार्थनगर, सुल्तानपुर और मुजफ्फनगर के अपर जिलाधिकारी-वित्त (एडीएम-एफआर) क्रमश: संतोष सिंह, उमेश चंद्र निगम, उमा शंकर, एस सुधाकरन और गजेंद्र कुमार को प्रतिकूल प्रविष्टि सौंपी गयी है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही लापरवाही पर सिद्धार्थनगर की सदर तहसील के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) ललित कुमार मिश्रा, हाथरस की शादाबाद तहसील के एसडीएम संजय कुमार सिंह और अलीगढ़ की अतरौली तहसील के एसडीएम अनिल कुमार कटियार से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
बाढ़ संबंधी कार्यों में लापरवाही पर कानपुर देहात के आपदा विशेषज्ञ अश्विनी कुमार को निलंबित कर दिया है। सभी को दो दिनों के अंदर अपना जवाब शासन को सौंपना होगा।
भाषा जफर
राजकुमार
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